उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार ने अपने आठ मंत्रियों को हटा दिया है। इसके साथ ही नौ मंत्रियों से उनका विभाग छीन लिया गया है। नौ मंत्री नये मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण तक बिना विभाग के मंत्री बने रहेंगे। बड़ी कार्रवाई के बाद अखिलेश यादव उड़ीसा दौरे पर रवाना हो गये। सीएम उड़ीसा के कल लौटेंगे। परसों राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह है।

इन मंत्रियों पर गिरी गाज
राज्यपाल राम नाईक ने आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के प्रस्ताव पर राजा महेन्द्र अरिदमन सिंह मंत्री स्टाम्प तथा न्यायशुल्क पंजीयन व नागरिक सुरक्षा, अम्बिका चैधरी मंत्री पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं विकलांग कल्याण, शिव कुमार बेरिया मंत्री वस्त्र उद्योग एवं रेशम उद्योग, नारद राय मंत्री खादी एवं ग्रामोद्योग, शिवाकान्त ओझा मंत्री प्राविधिक शिक्षा, आलोक कुमार शाक्य राज्यमंत्री प्राविधिक शिक्षा, योगेश प्रताप सिंह 'योगेश भइया' राज्यमंत्री बेसिक शिक्षा, भगवत शरण गंगवार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग को मंत्री पद से पदमुक्त कर दिया है। राज्यपाल ने पदमुक्त मंत्रियों के विभागों का कार्य अतिरिक्त कार्य प्रभार के रूप में सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को आवंटित कर दिया है।
इनका छिना विभाग
इसके अतिरिक्त राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री के दूसरे प्रस्ताव पर अहमद हसन मंत्री चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण मातृ एवं शिशु कल्याण, अवधेश प्रसाद मंत्री समाज कल्याण अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण सैनिक कल्याण, पारस नाथ यादव मंत्री उद्यान खाद्य प्रसंस्करण, राम गोविन्द चैधरी मंत्री बेसिक शिक्षा, दुर्गा प्रसाद यादव मंत्री परिवहन, ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी मंत्री होमगार्डस् प्रांतीय रक्षक दल, रघुराज प्रताप सिंह राजा भइया मंत्री, खाद्य एवं रसद, इकबाल महमूद मंत्री मत्स्य सार्वजनिक उद्यम, महबूब अली मंत्री माध्यमिक शिक्षा को आवंटित विभाग हटाकर उनके विभागों का कार्य मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अतिरिक्त प्रभाग के रूप में आवंटित किया है। यह सभी मंत्री बिना विभाग के अपने पद पर बने रहेंगे।
अखिलेश की चल रही सरकार
इस फेरबदल के साथ पहली बार मुख्यमंत्री अखिलेश ने संदेश दिया है कि प्रदेश में सरकार बिना किसी के दखल के चल रही है। इससे पहले यह आरोप लगते रहे हैं कि सरकार में अखिलेश की चल नहीं रही है, लेकिन इस फैसले के बाद अब यह स्पष्ट हो गया है कि अखिलेश ही मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश चला रहे हैं। फेरबदल की उम्मीद लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद ही लगाई जा रही थी लेकिन फैसला लेने में डेढ़ वर्ष का समय लग गया। इस बार फेरबदल में जो भी मंत्री बर्खास्त किये गए हैं या जिनसे विभाग छीना गया है, उनके ऊपर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। पार्टी ने काफी छानबीन के बाद उनको हटाने का फैसला किया।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari