विश्व हिन्दू परिषद के संत सम्मेलन में पहली बार पहुंचे प्रदेश के सीएम, डिप्टी सीएम व कई कैबिनेट मिनिस्टर

सीएम, संत-महात्माओं के लिए लखनऊ से लेकर आए गिफ्ट, किया सम्मानित लिया आशीर्वाद

ALLAHABAD: प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ खुद गोरक्षा पीठ के अध्यक्ष हैं और विश्व हिन्दू परिषद के मार्गदर्शक मंडल के संत भी। लेकिन, शुक्रवार को परिषद की ओर से परेड ग्राउंड स्थित शिविर में आयोजित संत सम्मेलन में सीएम पहुंचे मेला क्षेत्र में पहली बार संतों के सानिध्य में बैठने वाले पहले सीएम भी बन गए। यही वजह रही कि सम्मेलन स्थल पर पहुंचते ही योगी आदित्यनाथ ने मंच पर विराजमान संत-महात्माओं से एक-एक कर मिले, उनका कुशल क्षेम पूछा, शॉल पहनाकर सम्मानित किया और खुद संतों का आशीर्वाद भी लिया।

12 करोड़ जनमानस देखेगी भव्यता

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कुंभ का जिक्र करते हुए कहा कि संगम की रेती पर अगले वर्ष आयोजित होने वाले कुंभ की भव्यता देश-दुनिया के करोड़ों लोग देखेंगे। हमें उम्मीद है कि कुंभ में करीब बारह करोड़ के आसपास संत-महात्मा, श्रद्धालु व दूरदराज से लोग पहुंचेंगे। जिसमें संत समाज का योगदान अहम होगा। उन्हें सरकार के साथ खड़ा होना होगा। संत-महात्माओं का कुंभ की बेहतरी के लिए जो निर्देश होगा उसका पालन करने में सरकार कोई कोताही नहीं बरतेगी। इसके लिए सरकार की ओर से एक अप्रैल 2017 से ही व्यापक स्तर पर दी जाने वाली सुविधाओं का शुभारंभ कर दिया है।

अब बनाएंगे मार्गदर्शक मंडल

कुंभ के भव्य आयोजन के लिए सरकार ने कुंभ मेला विकास प्राधिकरण का गठन किया है। लेकिन अब उसका दायरा बढ़ाया जा रहा है। सीएम ने कहा कि प्राधिकरण के अलावा नए सिरे से कुंभ के लिए मार्गदर्शक मंडल का गठन किया जाएगा। इसमें संत-महात्माओं को शामिल किया जाएगा और उनके जरिए समय-समय पर आयोजन को लेकर सलाह मशविरा होगा। ताकि तैयारियों की कमियों को भी समय से पूरा किया जा सके। मार्गदर्शक मंडल का प्रारुप कैसा होगा व उसमें किन-किन संतों को शामिल किया जाएगा इसके लिए जल्द ही संत-महात्माओं के साथ बैठक की जाएगी।

सरकार किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेगी

सीएम ने कहा कि केन्द्र सरकार की अगुवाई में कुंभ को भव्यता प्रदान करने का काम सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पीएम नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से ही यूनेस्को की सूची में कुंभ को शामिल किया गया है। जिस पर हम सभी को गर्व महसूस करना चाहिए। इसलिए हमारी सरकार किसी भी स्तर पर आयोजन में कमी नहीं आने दी जाएगी। अब जरूरत इस बात की है कि कुंभ के आध्यात्मिक और वैज्ञानिक रहस्यों की खोज की जाए।

Posted By: Inextlive