सीएम की महत्वाकांक्षी योजना आईजीआरएस इंटीग्रेटेड ग्रीवांस रिड्रेसल सिस्टम को अफसर शाही निगल गई है. शहर में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें अधिकारियों ने भौतिक रूप से समस्‍या का निस्‍तारण किए बिना ही गलत रिपोर्ट फाइल कर दी।

Bareilly: अफसर अधिकांश शिकायतों का ऑफिस में बैठकर ही निस्तारण दिखाकर आख्या भी गलत तरीके से अपलोड कर दे रहे हैं। जब इसकी जानकारी शिकायत कर्ता को होती है तो वह परेशान होकर दोबारा शिकायत कर रहे हैं। आलम यह है कि पब्लिक का आईजीआरएस पोर्टल से भी भरोसा कम होता जा रहा है। आइए बताते हैं कुछ इसी तरह के केसेज के बारे में


केस-1

 

सेक्रेटरी ने कागजों में लगाई चौपाल

बहेड़ी के गांव जशनपुर निवासी नवी हसन और दो दर्जन ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत में चल रहे भ्रष्टाचार और घोटाले की शिकायत 18 फरवरी 2018 को आईजीआरएस सीएम पोर्टल पर की थी, जिसकी शिकायत संख्या 20015018000797 थी। शिकायत में नवी हसन ने ग्राम प्रधान पर विकास कार्यों में मनमानी करने का आरोप लगाया और ग्रामीणों की समस्या सुनने के लिए प्रति माह खुली बैठक में समस्याओं की सुनवाई की मांग की। जिस पर सीएम के ऑफिस से आदेश दिया गया कि डीएम गांव में खुली बैठक करवाकर समस्या का निस्तारण कर रिपोर्ट प्रेषित करें। डीएम ने खंड विकास अधिकारी से शिकायत निस्तारण की रिपोर्ट मांगी, तो उन्होंने सेक्रेटरी से गांव में खुली बैठक कराने को कहा, लेकिन सेक्रेटरी ने गांव में बगैर खुली बैठक कराए शिकायत निस्तारण आख्या पोर्टल पर अपलोड कर दी। जिसमें लिखा कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में चौपाल लगाई जा चुकी है। जानकारी जब ग्रामीणों को हुई तो उन्होंने सीएम पोर्टल पर दोबारा शिकायत कर चौपाल लगाने की डेट भी मांगी है। इस मामले में ग्रामीण डीएम और सीडीओ से भी शिकायत किए है।


केस-2

 

पीडि़त का शांतिभंग में किया चालान

शेरगढ़ के गांव जशनपुर निवासी प्रेमनारायन ने शेरगढ़ कस्बा में 25 अप्रैल 2014 को शराफत शाह उर्फ लल्लू मिंया से एक मकान 6 लाख रुपए में खरीदा था। मकान पर आजतक लल्लूमियां का कब्जा कायम है। जबकि 25 अप्रैल 2014 को शराफत शाह ने मकान प्रेमनारायन के नाम पर रजिस्ट्री हो गई थी। प्रेमनारायन ने कब्जा दिलाए जाने की शिकायत आईजीआरएस पोर्टल पर 29 नवम्बर 2017 को की थी। जिसकी शिकायत संख्या 1615170483549 है। मामले की जांच एसएसपी के पास आई और तो उन्होंने प्रेमनारायन को रजिस्ट्री के पेपर सहित ऑफिस बुलाया। एसएसपी ने पेपर देखने के बाद प्रेमनारायन को शेरगढ़ थाने भेजा और थाना पुलिस से कब्जा दिलाने को कहा, लेकिन पुलिस ने मनमाने ढंग से दर्शा दिया कि विक्रेता क्रेता को रुपए वापस कर देगा तो रजिस्ट्री वापस हो जाएगी। इस मामले में भी आज तक न तो क्रेता को मकान पर कब्जा मिला और न रुपए वापस मिले, तो पीडि़त ने दोबारा पोर्टल पर शिकायत की तो पुलिस ने प्रेमनारायन का शांतिभंग में चालान कर दिया। प्रेमनारायन इस मामले में एसएसपी और आईजीआरएस पर शिकायत की है।


केस नम्बर-3

 

ऑफिस में बैठकर लगा दी अस्वीकृत रिपोर्ट

बहेड़ी ग्राम पंचायत पिपौली के दर्जन भर से अधिक लोगों ने सीएम पोर्टल पर शिकायत 18 सितम्बर 2017 को की थी। जिसकी शिकायत संख्या 40015017006001 थी। जिसमें उन्होंने गांव के डेढ़ किमी कच्चे रास्ते को मुख्य मार्ग से जोड़ने की मांग की थी। ग्रामीणों में देवेन्द्र पप्पू, संजीव कुमार, ब्रजेश, हरीश, श्यामाचरन की मांग थी कि इस कच्चे रास्ते पर प्राचीन बाबा और एक शिव मंदिर है जहां पर मेला का भी आयोजन होता तो ग्रामीणों को जाने आने में समस्या होती है। डीएम ने शिकायत के निस्तारण के लिए प्रान्तीय खंड लोक निर्माण विभाग के अफसरों से मौके की जांच कर समस्या के निस्तारण की रिपोर्ट मांगी थी। अफसरों ने समस्या का समाधान नहीं किया और अफसरों बगैर मौके पर जांच कर अस्वीकृति आख्या की रिपोर्ट पोर्टल पर लगा दी। इसके बाद ग्रामीणों ने तीन बार पोर्टल पर शिकायत की, और समस्या का मौके पर की गई जांच रिपोर्ट की मांग की है।


केस-4

 

शिकायत को बता दिया गलत

बहेड़ी के गांव नूराबाद विकासखंड के निवासियों ने गांव के सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान चलाने वाले बेचेलाल पर घटतौली और अधिक पैसे वसूलने की आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत की थी। आरोप लगाया कि राशन विक्रेता प्रति यूनिट कम राशन भी देता है और रुपए भी ज्यादा वसूलते हैं। इस मामले में ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से जनवरी महीने में शिकायत की थी। जिस पर डीएम ने एसडीएम से जांच कराने और समस्या के समाधान की रिपोर्ट मांगी थी। आरोप है इस मामले में अफसरों ने जांच पूर्ति निरीक्षक को सौंप दी, जिसकी मिलीभगत से कोटेदार धांधली करता है, तो वह जांच कैसे करेगा। इस मामले में पूर्ति निरीक्षक ने बगैर जांच के प्रधान के अनुसार रिपोर्ट लगा दिया, और आईजीआरएस पोर्टल पर आख्या में लिखा कि ग्रामीणों ने शिकायत गलत कर दी थी। जानकारी जब दो दर्जन से अधिक ग्रामीणों को हुई तो उन्होंने दोबारा सीएम पोर्टल पर शिकायत कर दी।

 

आईजीआरएस पर अफसर शिकायत का मौके पर जाकर निस्तारण नहीं कर रहे हैं। इसकी शिकायत अभी नहीं मिली है। मामला संज्ञान में आया है इस मामले में एसीएम फोर सुल्तान असरफ सिद्दीकी से बात कर जानकारी लूंगा। क्योंकि वही आईजीआरएस का काम देख रहे हैं। शिकायत के निस्तारण में लापरवाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

वीरेन्द्र कुमार सिंह, डीएम, बरेली

Posted By: Inextlive