GORAKHPUR: उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरक्षनाथ मंदिर के महंत योगी आदित्यनाथ की दिनचर्या पूरी तरह से बदल चुकी है. गोरखपुर स्थित गोरक्षनाथ मंदिर में उनका आवागमन भी कम हो गया है. ऐसे में गोरक्षनाथ मंदिर के वह तमाम जानवर जिन्हें योगी आदित्यनाथ बहुत दुलार करते हैं खुद को अकेला महसूस करने लगे हैं. इसका सॉल्यूशन यह निकाला गया है कि गोरखपुर से उनकी प्रिय दो गायें पालतू बिल्ली और डॉग कालू को लखनऊ ले जाने की तैयारी होने लगी है. गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ मंदिर में अपनी दिनचर्या की शुरुआत गौशाला से ही करते रहे हैं.

किसी को खीर, किसी को पनीर तो किसी को लडडू है पसंद

मंदिर के गौशाला में 400 के लगभग गायें है, जिनमें डेली लगभग 300 गायें लड्डू खाने के बाद ही कुछ और खाती हैं। यही हाल कालू (पालतू कुत्ता) का है। कालू को दूध से अधिक पनीर पसंद है। विनय का कहना है कि कालू को अगर दिन में एक बार पनीर न मिले तो हंगामा कर देता है। उसे दूध और पनीर सामने रख दिया जाए तो वह पनीर का चयन करेगा।


मंदिर में खिचड़ी मेला के दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। इस मेला में श्रद्धालुओं के साथ ही साथ गायें भी कई बार घूमने लगती है, लेकिन आज तक मंदिर परिसर में किसी श्रद्धालु को यह गायें घायल नहीं की है। न ही कभी इन गायों या सांड़ों के कारण मंदिर में कोई घटना घटी है।

Posted By: Inextlive