- 6 बजे जिम जाने की बात कहकर निकला था ओजस - सुसाइड नोट में तय था मौत के दिन और समय

 

LUCKNOW :

अपने प्यार को परवान न चढ़ता देख मौत को गले लगाने का प्रेमी युगल का डिसीजन हर किसी को कचोट रहा था। हर कोई यही कह रहा था कि दोनों को यह कदम उठाने से पहले एक बार अपने पैरेंट्स से तो बात करनी चाहिये थी। वहीं पैरेंट्स के दबाव को इंकार समझकर जान गवांने वाले प्रेमी युगल अपनों को भी जिंदगी भर का दर्द दे गये। सिविल अस्पताल में ओजस के पिता आनंद बिलखते हुए बस यहीं शब्द कह रहे थे कि काश, बेटा एक बार मुझे तो अपने दिल की बात बता दी होती

 

दोनों का परिवार पड़ोस में रहता है

कैसरबाग के मकबूलगंज मोहल्ले में रहने वाले रत्नाकर पांडेय अपने परिवार के साथ रहते हैं। रत्नाकर प्राइवेट जॉब करते हैें और परिवार में उनकी पत्नी बेबी, बेटी प्रतिभा, काजल, स्वाति और एक बेटा वत्सल है। उनके पांच मकान दूर आनंद तिवारी का परिवार रहता है। आनंद एक रियल इस्टेट कंपनी के सेल्स डिपार्टमेंट में जॉब करते हैं। आनंद के परिवार में बेटा ओजस और बेटी आंशिका है। आंशिका नोएडा में जॉब करती है जबकि घर में मां अंजू के साथ ओजस रहता है। ओजस (19) जापलिंग रोड स्थित सूरजदीप कॉम्प्लेक्स के सामने स्थित मैक इंस्टीट्यूट से एनीमेशन एडिटिंग का कोर्स कर रहा था। वहीं काजल (23) नवयुग डिग्री कॉलेज से बीएससी थर्ड ईयर की छात्रा थी।

मां से कहा था जल्दी आऊंगा घर

ओजस की मां मंजू ने बिलखते हुए बताया कि बेटा गुरुवार शाम 6 बजे घर से जिम जाने की बात कहकर निकला था। नाका में उसने जिम ज्वाइन कर रखी थी। जाते समय बेटे ने कहा था कि आज ठंड बहुत है और जिम से जल्दी लौट आऊंगा। उसके परिवार में मां को मालूम था कि ओजस पड़ोस में रहने वाली काजल से बात करता है और कई बार उसने अपनी गहरी दोस्ती की चर्चा की थी लेकिन कभी उनसे अपने प्यार के बारे में चर्चा तक नहीं की थी। परिवार के लोग भी काजल से उसकी बात को कम उम्र की दोस्ती ही मान रहे थे।

Posted By: Inextlive