यूपी इलेक्शन 2017: कैंट विधानसभा में रीता, अपर्णा के बीच सीधी टक्कर
कैंट विधानसभा
कैंट पर अबकी सबकी निगाह कैंट विधानसभा में रीता, अपर्णा के बीच सीधी टक्कर LUCKNOW: सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहु अपर्णा यादव के मैदान में आने से इस बार सीट पर मुकाबला बेहद रोचक हो गया है। कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुई डॉ। रीता बहुगुणा जोशी से उनकी सीधी टक्कर है। वहीं बसपा ने योगेश दीक्षित को उतारा है। अपर्णा के पक्ष में सपा के संरक्षण मुलायम सिंह यादव, सांसद डिंपल यादव, सीएम अखिलेश यादव सहित पूरा परिवार उतर आया है। यह इसलिए भी अहम है कि इस सीट पर एक बार भी सपा ने जीत दर्ज नहीं की है। क्या कहता है जातीय समीकरणविधानसभा सीट में करीब 3.67 लाख वोटर हैं इनमें सबसे ज्यादा करीब 65 हजार ब्राह्मण मतदाता हैं। उसके बाद पहाड़ी मतदाताओं की संख्या है जोकि 30 हजार के आस-पास है। अन्य जातिगत मतदाताओं में तकरीबन 50 हजार दलित, 40 हजार वैश्य, 30 हजार पिछड़े वर्ग के लोगए 25 हजार क्षत्रिय और लगभग 20 हजार मुस्लिम हैं।
बीते चुनाव में कांग्रेस के खाते में थे 38.95 परसेंट वोटक्षेत्र में ब्राह्मण मतदाता की चुनावों में अहम भूमिका मानी जाती रही है। रीता बहुगुणा ने पिछले चुनाव में यहां के सिंधी और पहाड़ी वोट बैंक के साथ-साथ ब्राह्मण वोट बैंक में भी सेंध लगाई थी। वोटिंग प्रतिशत की बात करें तो पिछले चुनाव में कांग्रेस को 38.95, बीजेपी को 25.51 और सपा को 13.93 प्रतिशत वोट मिले थे। रीता बहुगुणा इस बार बीजेपी से हैं।
सात बार कांग्रेस और पांच बार भाजपा की जीत कैंट से अब तक जीते प्रत्याशियों की बात करें तो 1957 में कांग्रेस से श्याम मनोहर मिश्रा, 1962 में कांग्रेस से बालक राम वैश्य, 1967 में निर्दलीय बीपी अवस्थी, 1969 में भारतीय क्त्रांति दल से सच्चिदानंद, 1974 में कांग्रेस से चरण सिंह, 1977 में जनता पार्टी से कृष्णकांत मिश्रा, 1980, 1985 और 1989 में कांग्रेस से प्रेमवती तिवारी, 1991 और 1993 में भाजपा से सतीश भाटिया, 1996, 2002, 2007 में बीजेपी से सुरेश चंद्र तिवारी, 2012 में कांग्रेस से रीता बहुगुणा जोशी विजयी रही हैं। कुल वोटर 367610 पुरुष वोटर 200191 महिला 167399 थर्ड जेंडर 20