- हत्यारोपी सूरज और वैभव ने हुसैनगंज में पार्टनरशिप में बनाई थी बिल्डिंग- ढाई साल से चल रहा था पैसों के लेन-देन का मनमुटाव- हत्यारोपियों में से एक की लोकेशन इलाहाबाद तो दूसरे की रायबरेली में मिली

LUCKNOW : बीजेपी के पूर्व विधायक प्रेम प्रकाश उर्फ जिप्पी तिवारी के बेटे वैभव की हत्या सात लाख रुपये के विवाद में की गई। वैभव और हत्यारोपी सूरज शुक्ला पहले बिजनेस पार्टनर थे। इन्होंने हुसैनगंज में मिलकर एक बिल्डिंग बनवाई थी। सात लाख रुपये के लेन-देन को लेकर दोनों के बीच तनातनी चल रही थी। शनिवार को सूरज अपने साथी विक्रम के साथ वैभव के पास इसी मुद्दे पर बात करने आया था, जहां बात बढ़ने पर विक्रम ने वैभव को गोली मारी और काली सफारी से सूरज के साथ फरार हो गया था।

 

दोनों की लोकेशन अलग-अलग

वैभव की हत्या के बाद फरार हुए सूरज और विक्रम की गिरफ्तारी के लिए एसएसपी दीपक कुमार ने पुलिस की चार टीमें बनाई हैं। पुलिस को सूरज के मोबाइल की लास्ट लोकेशन रायबरेली और विक्रम की इलाहाबाद में मिली है। पुलिस का कहना है कि घटना के बाद ये दोनों करीब डेढ़ घंटे तक साथ थे। इस दौरान इनकी लोकेशन आशियाना के पास भी मिली है। पकड़ में आने से बचने के लिए ये दोनों शहर के अलग-अलग रास्ते से निकले हैं।

 

परिजनों को लिया हिरासत में

सूरज ने घटना के बाद करीब 10 बजकर 5 मिनट पर अपने पिता ए1स आर्मीमैन और स4जी मसाला के कारोबारी संतोष शुक्ला को फोन कर घटना की जानकारी दी थी। वहीं घटना के बाद विक्रम ने भी अपनी रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर मां को फोन पर सूचना दी थी। जिसके बाद उसकी मां अपने पालतू जानवर को रिश्तेदार के हवाले कर घर में ताला डाल कहीं चली गई। वहीं पुलिस ने सूरज के पिता, दोनों चाचा और बहनोई को हिरासत में लिया है।

 

पिता बेटे के मोबाइल की रिकार्डिग बनीं अहम सुराग

 

32 बोर के असलहे से मर्डर

वैभव की हत्या 32 बोर के असलहे से की गई थी। पुलिस का कहना है कि वैभव पर गोली विक्रम ने दो फीट दूर से चलाई थी। गोली उसकी राइट साइड सीने में धंसी और हार्ट को चीरते हुए पीठ से निकल गई। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। सूरज और विक्रम के पास कोई लाइसेंसी आर्म्स नहीं थे। सूरज काली सफारी गाड़ी से आया था और घटना को अंजाम देकर उसी कार से फरार हो गया। सीसीटीवी फुटेज में उसकी गाड़ी आते-जाते देखी गई है।

 

अयोध्या में हुआ अंतिम संस्कार

वैभव के पोस्टमार्टम के बाद परिजन उसका शव अयोध्या ले गए। जहां संडे को सरयू तट पर उसका अंतिम संस्कार किया गया। वहीं इस घटना के बाद कसमंडा हाउस में सन्नाटा पसर गया है। लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है कि भीड़-भड़ और हाई सि1योरिटी जोन वाले इस एरिया में इस तरह की वारदात हुई है।

Posted By: Inextlive