देश में पानी की किल्‍लत और पिछले कई वर्षो से अच्‍छी बारिश न होने के चलते उत्‍त्‍र प्रदेश का बुंदेलखंड़ इलाका सूखे की चपेट में है। जहां एक ओर आदमी सूखे की मार से का हाल बेहाल है वहीं सूखे को मुद्दे बना कर नेता इस पर सियासी रोटी सेक रहे हैं। केन्‍द्र और राज्‍य सरकारों में पानी को लेकर तकरार कम होती भी नजर नहीं आ रही हैं।


बुंदेलखड़ के लिए चाहिए 1400 करोड़ का पैकेज सूखे की समस्या से परेशान यूपी के बुंदेलखंड में केंद्र सरकार ने पानी के टैंकर भेजे लेकिन प्रदेश सरकार ने इसे लेने से इनकार कर दिया। अखिलेश सरकार ने यह कहते हुए पानी लेने से इनकार कर दिया कि यहां लातूर जैसे हालात नहीं हैं। आलम ये है कि केंद्र की ओर से भेजे गए पानी के टैंकर झांसी में खड़े हैं और राज्य सरकार इन्हें लेने तो तैयार नहीं है। बता दें कि सात मई को यूपी के सीएम अखिलेश यादव दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने वाले हैं.यूपी सरकार ने अपने बजट में बुंदेलखंड के विकास और सूखा राहत के लिए 1400 करोड़ का पैकेज दिया है। यूपी सरकार ने अपने बजट में बुंदेलखंड के विकास और सूखा राहत के लिए 1400 करोड़ का पैकेज दिया है।बुंदेलखड़ के 13 जिले झेल रहे हैं सूखे की मार
बुंदेलखंड में आने वाले यूपी और मध्य प्रदेश के 13 जिले सूखे की मार झेल रहे हैं। इन जिलों में पानी का संकट भी गहराया है लेकिन राज्य के जल संसाधन मंत्री शिवपाल यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पानी की व्यवस्था की है। केंद्र ने जो टैंकर भेजे हैं उनका पानी स्टोर करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। यूपी के चीफ सेक्रेटरी आलोक रंजन ने कहा है कि फिलहाल वाटर ट्रेन की जरूरत नहीं है। अगर होगी तो केंद्र से मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि टैंकरों से गांवों में तालाब भरे जा रहे हैं और खाने का समान अप्रैल में ही बांटा जा चुका है। ज्ञात हो कि यहां पिछले तीन साल से अच्छी बारिश नहीं हुई जिसके चलते सूखे के हालात हैं।

Posted By: Inextlive