काकोरी घटना की वर्षगांठ पर उत्तर प्रदेश सरकार ने काकोरी कांड का नाम बदलकर काकोरी ट्रेन एक्शन रखा है। राज्य सरकार ने काकोरी कांड शब्द को भाषा के हिसाब से अपमानजनक माना है और इसलिए इसके नाम में बदलाव किया है।


लखनऊ (एएनआई)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने काकोरी घटना की वर्षगांठ पर लखनऊ के काकोरी शहीद स्मारक स्थल पर श्रद्धांजलि दी। यूपी सरकार के अधिकारियों ने कहा कि इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार ने 'काकोरी कांड' का नाम बदलकर 'काकोरी ट्रेन एक्शन' कर दिया है क्योंकि 'कांड' शब्द भारत के स्वतंत्रता संग्राम के तहत इस घटना के अपमान की भावना को दर्शाता है। यूपी सरकार ने कहा कुछ ब्रिटिश इतिहासकारों ने इसका नाम कांड रखा जो अपमानजनक लगता है और इसलिए नाम बदल दिया गया है। 'काकोरी ट्रेन एक्शन' की वर्षगांठ मनाई


भारत अपनी आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 'आजादी का अमृत महोत्सव' मना रहा है, ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को 'चौरी चौरा महोत्सव' कार्यक्रम के तहत 'काकोरी ट्रेन एक्शन' की वर्षगांठ मनाई, जिसके 2022 में 100 साल पूरे होने जा रहे हैं। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'काकोरी ट्रेन एक्शन' की बरसी पर काकोरी शहीद स्मारक पर रोशन सिंह, राम प्रसाद बिस्मिल और राजेंद्र लाहिड़ी की मूर्तियों पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस विशेष कार्यक्रम के दौरान कई अन्य मंत्री और अधिकारी भी मौजूद थे।इस तरह से हुआ था 'काकोरी ट्रेन एक्शन'

काकोरी ट्रेन एक्शन या काकोरी षड्यंत्र एक ट्रेन डकैती थी जो 9 अगस्त 1925 को ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान लखनऊ के पास एक गांव काकोरी में हुई थी। इस डकैती का आयोजन हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन द्वारा किया गया था और इस घटना में 40 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था और अंततः उन्हें ब्रिटिश सरकार द्वारा मौत की सजा सुनाई गई थी। इतना ही नहीं उन लोगों को भी कड़ी सजा दी गई थी जिन्होंने इस घटना में मदद की थी।

Posted By: Shweta Mishra