उत्तर प्रदेश में बढ़ते वायरल फीवर को लेकर स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह का कहना है कि वायरल बुखार के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए यूपी सरकार प्रयासरत है। इसके लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।


लखनऊ (एएनआई)। स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने बुधवार को कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में वायरल बुखार के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि समस्या को विस्तार से समझने के लिए अब डोर टू डोर सर्वे किया जाएगा। इसके अलावा बच्चों को दवाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। मंत्री ने बताया कि सरकार ने अधिकारियों के कामकाज में खामियों को देखा है और यही शहर में वायरल के प्रकोप का मुख्य कारण है। उत्तर प्रदेश में कोविड-19 मामलों के बीच, प्रदेश की राजधानी लखनऊ के विभिन्न अस्पतालों में बच्चों में वायरल बुखार के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है।अस्पताल में भर्ती होने से पहले आरटी-पीसीआर जरूरी


वायरल बुखार के मामलों पर बोलते हुए, लखनऊ में श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एसके नंदा ने कहा अब तक हमारे पास वायरल बुखार के कारण लगभग 20 मरीज और लगभग 80 मामले आउट पेशेंट विभाग (ओपीडी) में भर्ती हैं। उन्होंने कहा, अभी मामले इतने गंभीर नहीं हैं और हम डेंगू के मामलों की जांच के लिए प्लेटलेट काउंट कर रहे हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि सभी रोगियों को अस्पताल में भर्ती होने से पहले एक अनिवार्य आरटी-पीसीआर परीक्षण से गुजरना पड़ता है।मुरादाबाद में डेंगू के करीब 300 मामले सामने आएमुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एम सी गर्ग ने कहा कि इस बीच मुरादाबाद में डेंगू के करीब 300 मामले सामने आए हैं। मामले इतने गंभीर नहीं है। डॉक्टर स्थिति को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। इससे पहले सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फिरोजाबाद के ऑटोनॉमस स्टेट मेडिकल कॉलेज का दौरा कर वहां भर्ती बच्चों का हालचाल जाना और संबंधित अधिकारियों को उचित कदम उठाने के लिए मथुरा, मैनपुरी और फिरोजाबाद जिलों में विशेष टीमें भेजने के निर्देश दिए।

Posted By: Shweta Mishra