- हॉस्पिटल और नर्सिग होम में आने वाले पेशेंट्स इकट्ठा करने की जद्दोजहद तेज

-प्रसव की भी करनी होगी रिपोर्टिग, सभी हॉस्पिटल को देना होगा रिटेन

-तहसील दिवस पर गोल्ड कार्ड कैंप लगाने के मिले निर्देश

GORAKHPUR: शहर में बीमारियों से निपटने के लिए मुहिम तेज हो चुकी है। सरकार सभी बीमारी को सीरियसली लेकर उसको जड़ से मिटाने की मुहिम में लग गई है। अब गवर्नमेंट टीबी के खात्मे के लिए कमर कस चुका है और इसके लिए कठोर कदम भी उठाने शुरू कर दिए गए हैं। अब तक टीबी केस मिलने के बाद भी गवर्नमेंट या हेल्थ महकमे को रिपोर्टिग न करने वाले हॉस्पिटल और नर्सिग होम की चूड़ी कसनी शुरू हो गई है। सभी को टीबी पेशेंट्स मिलने पर इसकी रिपोर्ट अब विभाग को करनी ही होगी। इसके लिए विभाग ने खास तैयारी की है। जिम्मेदारों के रजिस्ट्रेशन या रिन्यूअल के समय अब विभाग की ओर से दिए जाने वाले प्रोफॉर्मा को भरना होगा और उसके हिसाब से काम करना होगा, अगर इसमें लापरवाही की जाती है या फिर कोई डाटा छुपाता है, तो केस डायग्नोज होने की कंडीशन में उस पर कार्रवाई तो की ही जाएगी साथ ही उनका रजिस्ट्रेशन भी निरस्त किया जा सकता है।

हर प्रसव की भी करनी होगी रिपोर्टिग

एक तरफ जहां टीबी के आने वाले पेशेंट्स का आंकड़ा मेनटेन कर हॉस्पिटल्स को इन्हें हेल्थ महकमे को सौंपना है, तो वहीं दूसरी ओर हॉस्पिटल या नर्सिग होम में होने वाले हर प्रसव का डाटा भी तैयार कर इसकी रिपोर्टिग स्वास्थ्य विभाग को की जानी है। प्रमुख सचिव की वीडियो कॉन्फ्रेंस में मिलने निर्देश के बाद हेल्थ विभाग ने इस संबंध में तैयारी भी शुरू कर दी है। सभी हॉस्पिटल और नर्सिग होम को रजिस्ट्रेशन या री-न्यूअल के वक्त इस संबंध अवगत कराया जाएगा। वहीं, उनसे इस संबंध में सर्टिफिकेट भी लिया जाएगा। इसके बाद अगर कोई लापरवाही या अनदेखी करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही बच्चों का बर्थ रजिस्ट्रेशन भी हॉस्पिटल को करने के निर्देश ि1दए गए हैं।

रजिस्ट्रेशन की भी होगी जांच

गोरखपुर में संचालित हॉस्पिटल्स और नर्सिग होम रजिस्टर्ड नहीं हैं। हेल्थ डिपार्टमेंट की जांच में यह बातें सामने भी आई हैं। कई लोगों के खिलाफ विभाग ने कार्रवाई भी की है। आगे भी मरीज ठगे न जाएं और झोलछाप के हाथों में जाने के बाद उनकी जान पर न बन आए, इसके लिए अब हेल्थ विभाग अभियान चलाकर सभी हॉस्पिटल और नर्सिग होम की जांच करेगा। इस दौरान जिसके कागजात पूरे नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ एफआईआर भी हो सकती है।

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गोल्ड कार्ड बनाने में नहीं होगी परेशानी

तहसील दिवस पर अब स्वास्थ्य विभाग आयुष्मान गोल्ड कार्ड बनाने के लिए स्पेशल कैंप लगाएगा। प्रमुख सचिव के निर्देश पर अब हर तहसील दिवस पर कैंप लगाए जाएंगे, जहां लिस्ट में शामिल लाभार्थियों के गोल्ड कार्ड बनाने की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग अब हॉस्पिटल से इस बात की भी जानकारी लेगा कि वह आयुष्मान भारत योजना के तहत काम करना चाहते हैं या नहीं। इसके लिए सभी को लेटर देने के साथ ही विभागीय टीम सर्वे भी करेगी।

वर्जन

हेल्थ विभाग अब हॉस्पिटल और नर्सिग होम से यह सर्टिफिकेट लेगा कि वह टीबी पेशेंट्स का डाटा रेग्युलर प्रोवाइड करेंगे। साथ ही वह प्रसव की रिपोर्टिग और बच्चों का बर्थ सर्टिफिकेट भी हॉस्पिटल से ही जारी करेंगे।

- डॉ। एनके पांडेय, एसीएमओ

Posted By: Inextlive