उत्‍तर-प्रदेश पर्यटन। कोई भला कुछ भी कहे लेकिन विदेशी सैलानियों के लिए भारत में सबसे ज्‍यादा पसंदीदा पर्यटन स्‍थल उत्‍तर-प्रदेश ही है। दरअसल विदेशी पर्यटक उत्‍तर-प्रदेश को वैश्‍विक धरोहरों के साथ-साथ सुरक्षा के नजरिए से भी बेहतर और किफायती मानते हैं। इस बात का खुलासा यूं ही नहीं हुआ बल्‍िक इसका खुलासा हुआ एसोचैम की रिपोर्ट से।

ऐसी है रिपोर्ट
उद्योग मंडल एसोचैम ने अपने ताजा अध्ययन में इस बात का दावा किया है कि विदेशी सैलानियों को भारत में सबसे ज्यादा पसंद उत्तर-प्रदेश आता है। दरअसल एसोचैम के सोशल डेवलपमेंट फाउंडेशन की ओर से किए गए 'इयर एंड टूरिज्म ट्रेंड्स इन इंडिया 2015' विषय पर किए गए अध्ययन के मुताबिक ये बात सामने आई है कि देश की उत्तरी, मध्य और तटीय पट्टी में नए साल की छुट्टियां मनाने के लिए करीब 15 लाख घरेलू व विदेशी पर्यटकों की आमद की सम्भावना है।   
रिपोर्ट में कहा गया ये भी
सिर्फ यही नहीं, रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि सिर्फ उत्तर-प्रदेश में ही करीब 3 लाख सैलानियों के यहां पहुंचने की उम्मींद जताई जा रही है। बता दें कि ये संभावित पर्यटकों की संख्या का महज 20 फीसदी है। इन चुने हुए सैलानियों ने आगरा, फतेहपुर सीकरी, अयोध्या, ब्रजमण्डल, इलाहाबाद, सारनाथ, वाराणसी व अन्य जगहों पर जाने की इच्छा जाहिर की है।
इस वजह से हो सका संभव
इस बाबत एसोचैम के राष्ट्रीय महासचिव डी. एस. रावत ने जानकारी देते हुए कहा कि विमानन सेवाओं को बेहतर करने, पर्यटन स्थलों का विकास करने, तीर्थस्थलों के बेहतर प्रबंधन और राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने को लेकर उठाए गए कदमों के कारण ही ये संभव हो सका है। उसी के बाद से यहां विदेशी पर्यटकों का जमावड़ा लगने लगा है।
कारोबार में इजाफे की उम्मींद
उद्योग मंडल के अध्ययन के हवाले से रावत ने इस बात की जानकारी दी कि अंडमान-निकोबार व पर्यटन केंद्रों के लिहाज से संपन्न गोवा, हिमांचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, केरल, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश संग पूर्वोत्तर राज्यों में बड़ी संख्या में पर्यटकों की आमद की सम्भावना है। इसके मद्देनजर कारोबार में खासे इजाफे की उम्मीद है।
आतंकवाद ने किया प्रभावित
इसके अलावा रावत ने ये भी कहा कि हाल में विदेशों में आतंकवादी हमलों का उन जगहों के पर्यटन कारोबार पर खासा असर पड़ने की आशंका है। यही कारण है कि इससे घरेलू पर्यटन उद्योग को बल मिलेगा। इसका अध्ययन करने के लिए एसोचैम ने बीते एक महीने के दौरान लखनऊ, अहमदाबाद, बेंगलूरु, चेन्नई, दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, इंदौर, जयपुर, कोलकाता, मुंबई और पुणे में घूमने-फिरने के शौकीन 500 लोगों से बात की। इन लोगों में से करीब 60 फीसदी लोगों ने इस बात को स्वीकार किया है कि नए साल की छुट्टियों पर वह कहीं न कहीं जाने की योजना बना रहे हैं।
महज 8 से 10 प्रतिशत लोग थे ऐसे
इस अध्ययन के मुताबिक आधे से ज्यादा उत्तरदाताओं ने इस बात को स्वीकार किया है कि वे हिमांचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश सरीखे उत्तरी पर्यटन केंद्रों पर जाने की प्लानिंग कर चुके हैं। इसके विपरीत वे दक्षिण भारत के उन पर्यटन स्थलों पर नहीं जाना चाहते, जहां हाल ही में जबर्दस्त बारिश हुई थी। इनमें से सिर्फ 8 से 10 प्रतिशत लोगों ने ही ये बात कही कि वे दुबई, हांगकांग, मलेशिया, मालदीव, मॉरिशस, श्रीलंका, सिंगापुर व अन्य सुरक्षित स्थानों पर छुट्टियां मनाने की तैयारी कर रहे हैं।

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Posted By: Ruchi D Sharma