अगर आपके साथ साइबर फ्रॉड की कोई घटना होती है तो परेशान होने की बिलकुल जरूरत नहीं। इसके लिये अब न आपको थाने या साइबर क्राइम सेल के चक्कर काटने होंगे न ही पुलिस अफसरों से मिन्नतें करनी होंगी।

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LUCKNOW: यूपी पुलिस की टेक्निकल सर्विसेज ने आम लोगों की इस दिक्कत को दूर करने के लिये यूपी कॉप स्मार्ट फोन एप लॉन्च की है। जिसके जरिए अब घर बैठे आप ई-एफआईआर दर्ज करा सकते हैं। जिसके बाद पुलिस खुद आपके बैंक को सूचित कर आपकी रकम लौटाने में आपकी मदद करेगी। इतना ही नहीं, आपकी शिकायत पर हुई विवेचना का स्टेटस भी आपको एप से पता चल सकेगा। इतना ही नहीं, इस एप के जरिए अज्ञात अपराधियों द्वारा अंजाम दी गई घटनाओं की भी ई-एफआईआर दर्ज कराई जा सकेगी।

तीन दिन बेहद अहम

साइबर फ्रॉड आजकल आम समस्या बनकर सामने आया है। साइबर क्रिमिनल्स लोगों के एटीएम या क्रेडिट कार्ड के जरिए अकाउंट में सेंध लगाकर रकम पार कर देते हैं। रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के मुताबिक, अगर किसी के साथ साइबर फ्रॉड होता है तो अगर वह तीन दिन के भीतर एफआईआर दर्ज कराकर बैंक को सूचना दे देता है तो ठगी गई रकम वापस लौटाने की जिम्मेदारी बैंक की होती है। पर, जब पीडि़त को इसकी जानकारी होती है तो वह थाने, साइबर क्राइम सेल और बैंक के चक्कर लगाना शुरू करता है। घटनास्थल निर्धारित न होने की वजह से एफआईआर दर्ज होने में दिक्कत होती है और इसमें तीन दिन बीत जाते हैं। जिसके बाद रकम वापसी की उम्मीद खत्म हो जाती है।

इस तरह मिलेगी मदद

एडीजी टेक्निकल सर्विसेज आशुतोष पांडेय ने बताया कि यूपी पुलिस की टेक्निकल सर्विसेज द्वारा डेवलप की गई यूपी कॉप स्मार्टफोन एप में साइबर फ्रॉड के पीडि़त ई-एफआईआर दर्ज करा सकते हैं। ई-एफआईआर दर्ज होते ही इसे संबंधित थाने को फॉरवर्ड कर दिया जाता है। जिसके बाद संबंधित थाने के प्रभारी निरीक्षक इसकी सूचना तुरंत बैंक को देंगे। तीन दिन के भीतर हुई इस कवायद से ठगी गई रकम वापस पीडि़त के अकाउंट में आ सकेगी। एडीजी पांडेय ने बताया कि एप में पांच अन्य अपराधों, जिनमें अपराध कारित करने वाले की जानकारी न हो, की भी ई-एफआईआर दर्ज करा सकते हैं, जिनमें वाहन चोरी, वाहन लूट, मोबाइल व चेन स्नेचिंग, नाबालिग बच्चों की गुमशुदगी व साइबर क्राइम शामिल हैं।
24 घंटे में 50 हजार डाउनलोड
यूपी पुलिस की टेक्निकल सर्विसेज द्वारा ट्रायल के तौर पर शुरू की गई यूपी कॉप एप को महज 24 घंटे में 50 हजार से ज्यादा लोग डाउनलोड कर चुके हैं। एडीजी आशुतोष पांडेय ने बताया कि फिलवक्त इस एप को ट्रायल के तौर पर शुरू किया गया है। पब्लिक का रिस्पॉन्स देखने के बाद जल्द ही इसे औपचारिक रूप से लॉन्च किया जाएगा।
लॉन्च से पहले ही पुरस्कार
यूपी पुलिस की टेक्निकल सर्विसेज द्वारा डेवलप की गई यूपी कॉप एप को लॉन्च से पहले ही पुरस्कार मिल चुका है। उल्लेखनीय है कि देशभर में अपनी तरह की पहली स्मार्टफोन एप को बीती 29-30 अक्टूबर को दिल्ली में आयोजित सीसीटीएनएस-गुड प्रैक्टिसेस एंड सक्सेस स्टोरीÓ विषयक दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में इस एप की जमकर सराहना की गई थी। साथ ही केंद्रीय गृह सचिव ने डीजीपी ओपी सिंह व एडीजी टेक्निकल सर्विसेज आशुतोष पांडेय को सीसीटीएनएस-गुड प्रैक्टिसेस अवार्ड सौंपा था।

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Posted By: Shweta Mishra