उत्तर प्रदेश में अराजकता को स्वीकार नहीं किया जाएगा और सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों से क्लेम किया जाएगा। यह बात बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही।


लखनऊ (एएनआई)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश सार्वजनिक और निजी संपत्ति क्षति वसूली नियमावली 2020 के प्रावधानों के अनुसार लखनऊ और मेरठ में संपत्ति क्षति के दावों के अधिकरण के गठन को मंजूरी देने के बाद सख्त रुख अपनाया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश को अराजकता स्वीकार नहीं किया है। सार्वजनिक अथवा निजी संपत्ति को क्षति पहुंचाने वाले उन दंगाइयों और उपद्रवियों से वसूली सुनिश्चित की जाएगी। सतर्क उत्तर प्रदेश, सुरक्षित उत्तर प्रदेश। मुख्यमंत्री के कार्यालय ने ट्वीट कर दी थी जानकारी


इसके पहले सोमवार को मुख्यमंत्री के कार्यालय (सीएमओ) ने ट्वीट किया था लखनऊ मंडल के दावा अधिकरण के कार्यक्षेत्र में झांसी, कानपुर, चित्रकूट धाम, लखनऊ, अयोध्या, देवीपाटन, प्रयागराज, आजमगढ़, वाराणसी, गोरखपुर, बस्ती और विंध्याचल धाम मंडल की दावा याचिकाएं स्वीकार की जाएंगी। वहीं मेरठ मंडल के दावा अधिकरण के कार्य क्षेत्र में सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़, मुरादाबाद, बरेली और आगरा मंडल की दावा याचिकाएं स्वीकार की जाएंगी।हर्जाने की वसूली के लिए अध्यादेश जारी किया था

पिछले साल दिसंबर में राज्य में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध प्रदर्शन के बाद, मुख्यमंत्री योगी ने कहा था कि प्रदर्शनकारियों से सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान की लागत वसूल की जाएगी। उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने हर्जाने की वसूली के लिए अध्यादेश जारी किया था। इसने दावों को निपटाने के लिए न्यायाधिकरणों की स्थापना करने का प्रावधान किया।

Posted By: Shweta Mishra