पर्वतीय-मैदानी वरिष्ठता प्रकरण

राजकीय इंटर कालेजों में प्रवक्ता पद पर प्रमोशन का रास्ता साफ

पीडब्ल्यूडी महकमे के दुरुस्तीकरण में जुटा लोकसेवा आयोग

यूपी से भले ही पर्वतीय क्षेत्र का वजूद बरसों पहले मिट चुका है, लेकिन कई महकमों में पर्वतीय अधिकारी व कर्मचारी अब तक कायम हैं। इसी माह लोकसेवा आयोग के हस्तक्षेप पर राजकीय कालेजों में प्रवक्ता पद पर प्रमोशन का प्रकरण सुलझा लिया गया है। इसी तर्ज पर लोक निर्माण विभाग भी पर्वतीय और मैदानी वरिष्ठता श्रेणियों से जूझ रहा है। पर्वतीय सूची के अभियंता वरिष्ठता में सबसे पीछे हैं। शिक्षकों की तर्ज पर पीडब्ल्यूडी में फासला मिटाने की इंजीनिय¨रग की तैयारी है।

लोक निर्माण विभाग में अवर अभियंता (सिविल) के 1400 पदों के लिए लोकसेवा आयोग ने एक ही साक्षात्कार से 1990 में (उस समय प्रदेश से उत्तराखंड अलग नहीं था) चयन किया। आयोग ने चयनित अभ्यर्थियों की दो सूची बनाकर (मैदानी के 1000 तथा पर्वतीय 400) विभाग को भेज दी। इसमें दोनों का क्रमांक एक से ही प्रारंभ किया गया। उत्तराखंड बनने के बाद पर्वतीय क्षेत्र के अवर अभियंता वापस आ गए। यहां लौटने पर वह वरिष्ठता में सबसे नीचे कर दिए गए। इस मनमानी के विरोध में विभाग ने लोकसेवा आयोग से श्रेष्ठता सूची भेजने का अनुरोध किया गया, किंतु मेरिट लिस्ट नहीं भेजी गई। ऐसे में उत्तर काशी, चमोली, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, देहरादून, नैनीताल, अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ जैसे स्थानों पर तैनात रहने वाले अभियंता विभाग में जूनियर होकर रह गए हैं।

लोक निर्माण विभाग के आला अफसर मैदानी क्षेत्र के 276 अवर अभियंताओं को वरिष्ठ मानते हुए प्रमोशन दे चुके हैं। वहीं पर्वतीय जिलों में तैनात रहे अभियंता न्याय पाने को प्रयासरत हैं। इसी बीच लोकसेवा आयोग के प्रयास से राजकीय इंटर कालेज में प्रवक्ता बनने के लिए मैदानी व पर्वतीय क्षेत्र की वरिष्ठता सूची को खारिज कर दिया गया। आयोग ने कहा कि जब पर्वतीय क्षेत्र नहीं है तो उसकी सूची क्यों बन रही है। शासन ने इस पर मुहर लगा दी है। अब कालेजों में प्रवक्ताओं के वर्षो से लंबित प्रमोशन हो रहे हैं। इस प्रकरण से लोक निर्माण विभाग के अभियंता भी उत्साहित हैं। आयोग पीडब्ल्यूडी विभाग में पर्वतीय श्रेणी की वरिष्ठता पर गंभीरता से विचार कर रहा है। माना जा रहा है कि इस मामले में जल्द ही निर्णय आने की उम्मीद है।

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म केनिकल अभियंता भी दरकिनार

म दानी एवं पर्वतीय क्षेत्र की वरिष्ठता सूची के दंश से सिर्फ लोक निर्माण विभाग सिविल के अवर अभियंताओं ही नहीं, बल्कि मैकेनिकल एवं इलेक्ट्रिकल के अभियंता भी अनदेखी का शिकार हैं। मैकेनिकल के कई अभियंता सेवानिवृत्त होने को हैं, लेकिन उन्हें प्रमोशन नहीं मिल पा रहा है। यही नहीं आयोग ने अवर अभियंता प्राविधिक को वरिष्ठता सूची मुहैया करा दी है। इससे वहां पर प्रमोशन पाने एवं वरिष्ठता को लेकर कोई संशय नहीं रह गया है।

Posted By: Inextlive