समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा की आंसर की ने तोड़ी प्रतियोगियों की उम्मीद

पहली आंसर की सफल दूसरी में फेल अभ्यर्थी ले सकते हैं कोर्ट की शरण

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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की आरओ-एआरओ प्री परीक्षा की संशोधित आंसर की ने तमाम अभ्यर्थियों की उम्मीद पर पानी फेर दिया है। 11 प्रश्नो के उत्तर को विवादित करके यूपीपीएससी अफसरों ने परिणाम को कटघरे में खड़ा कर दिया है। इसका नतीजा यह हुई कि पहली आंसर की से खुद को क्वालीफाई मानकर मेंस की तैयारी में जुटे अभ्यर्थियों को संशोधित आंसर की ने तगड़ा झटका दिया है। इसे लेकर अभ्यर्थियों में नाराजगी है और वे कोर्ट की शरण लेने के लिए अधिवक्ताओं से परामर्श में जुटे हैं। ऐसा हुआ तो इस परीक्षा का फाइनल रिजल्ट भी लम्बा खिंच सकता है।

यूपीपीएससी का कारनामा

आरओ/एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम के साथ जारी संशोधित उत्तर कुंजी में खुद ही कुल 11 प्रश्नों पर विवाद माना

पांच प्रश्नों को डिलीट किया गया और बुकलेट सीरीजी 'डी' के अनुसार सामान्य अध्ययन में प्रश्न संख्या 42 और 127 के दो-दो उत्तर विकल्प को सही माना

इसी सीरीज के सामान्य ¨हदी के प्रश्नपत्र में प्रश्न संख्या 23 और 31 को पहली उत्तर कुंजी में डिलीट माना था

संशोधित उत्तर कुंजी में प्रश्न संख्या 23 के ही दो उत्तर व 31 के भी दो उत्तरों को सही माना

इसके अलावा दो अन्य प्रश्नों के उत्तर विकल्प भी दो-दो सही माने।

अभ्यर्थियों का दावा

यूपीपीएससी ने पूर्व में हो चुकी परीक्षाओं में यह अब तक का सबसे बड़ा बदलाव किया है

इससे तमाम अभ्यर्थियों को प्रारंभिक परीक्षा में मिले अंक घट-बढ़ गए हैं

जो अभ्यर्थी छह अक्टूबर को जारी पहली आंसर की से खुद को मेंस के लिए क्वालीफाई मान रहे थे उन्हें संशोधित आंसर की विवादित लगने लगी है

अभ्यर्थी अपना अधिकार पाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं

Posted By: Inextlive