-आंसू पोंछने लायक भी नहीं बचे कॉलेजेस

-अब तक पचास फीसदी भी नहीं हुए वैरिफिकेशन में शामिल

-सवा लाख से ज्यादा सीटें भरने का संकट

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी (यूपीटीयू) और उससे जुड़े कॉलेजेसस की साख दांव पर लग चुकी है। यूपीटीयू से जुड़े प्रदेशभर के कॉलेजेस में एडमिशन के लिए डाक्यूमेंट वैरिफिकेशन का प्रॉसेस चल रहा है। लेकिन करेंट ने अभी से फ्यूचर के बारे में आगाह कर दिया है। काउंसिलिंग के शुरू हुए दस दिन बीत चुके हैं। लेकिन अभी तक पचास फीसदी ने भी काउंसिलिंग नहीं कराया है। इससे यूपीटीयू के कॉलेजेस में दाखिले का बड़ा संकट मंडराने लगा है।

155 सेंटर्स पर चल रही है काउंसिलिंग

बता दें कि यूपीटीयू से जुड़े तकरीबन आठ सौ कॉलेजेस में एडमिशन के लिए इन दिनों स्टेट के 155 काउंसिलिंग सेंटर्स पर डाक्यूमेंट वैरिफिकेशन का काम चल रहा है। 27 जून से इसकी शुरुआत हुई थी। लेकिन संडे शाम, छह जुलाई तक प्रदेशभर के सेंटर्स पर करीब 52,100 लोगों ने ही डाक्यूमेंट वैरिफिकेशन के प्रॉसेस में पार्टिसिपेट किया है।

आठ जुलाई तक ही है मौका

मालूम हो कि यूपीटीयू से जुड़े कॉलेजेस में यूजी-पीजी कोर्सेस के लिए सीटों की संख्या करीब 1,30,000 है। ऐसे में अभी तक पचास फीसदी कैंडिडेट्स का भी काउंसिलिंग के लिए न जुट पाना दाखिले के लिए बड़े खतरे का संकेत है। यह हाल तब है जब डाक्यूमेंट वैरिफिकेशन की लास्ट डेट बढ़ाकर आठ जुलाई कर दी गई है। क्योंकि जब से डेट बढ़ी है तब से काउंसिलिंग सेंटर्स पर सियापा पड़ा नजर आ रहा है।

यूं ही निकल गया संडे

सोर्सेस का कहना है कि संडे को प्रदेशभर के सेंटर्स पर बमुश्किल 100 कैंडिडेट्स भी डाक्यूमेंट वैरिफिकेशन के लिए नहीं पहुंचे। इनमें अधिकतर जगहों पर डाक्यूमेंट वैरिफिकेशन करवाने वालों की संख्या नदारद रही। इलाहाबाद के सभी छह सेंटर्स पर भी यही हाल देखने को मिला। ऐसे में बाकी बचे दो दिनों से भी आफिसर्स को ज्यादा उम्मीदें नहीं रह गई हैं।

च्वाइस लाकिंग में कर लेते हैं किनारा

वैरिफिकेशन में ही यह हाल होने से तमाम कॉलेज अभी से परेशान हो उठे हैं। क्योंकि उन्हें फ्यूचर का अनुमान लग गया है। क्योंकि अभी कोर्स और इंस्टीट्यूट के च्वाइस लाकिंग की प्रक्रिया नहीं हुई है। यह काम 10 जुलाई से शुरू होना है। जानकारों के मुताबिक पूर्व में देखने को मिला है कि च्वाइस लॉकिंग के समय भारी पैमाने पर स्टूडेंट्स दाखिले की प्रक्रिया से किनारा कर लेते हैं।

लास्ट इयर भी था हाल बेहाल

बता दें कि लास्ट इयर भी यूपीटीयू का ठीक ऐसा ही हाल देखने को मिला था। उस समय प्रदेशभर के कॉलेजेस में तकरीबन 70 फीसदी सीटें वैकेंट रह गई थीं। उस समय स्टेट के लगभग 150 और इलाहाबाद के पांच कॉलेज ऐसे थे जहां एडमिशन का खाता ही नहीं खुल पाया था। ऐसे में इस बार कॉलेजेस का हाल और भी बेहाल होता दिख आ रहा है।

पचास संस्थान पचास का आंकड़ा भी नहीं छू सके

फिलहाल तो आई नेक्स्ट को करेंट में चल रहे वैरिफिकेशन करवा लेने वालों का दो दिन पहले तक का जो डाटा प्राप्त हुआ है। उससे यह बात भी सामने आई है कि सभी काउंसिलिंग सेंटर्स में से उंगलियों पर गिनने लायक ही संस्थान ऐसे हैं। जिनमें अभी तक वैरिफिकेशन करवा लेने वालों का आंकड़ा ढेड़ हजार के पार पहुंचा है। इसमें वाराणसी का सेंटर अशोका टॉप पर चल रहा है। जिसकी संख्या तीन हजार के ऊपर है। वहीं पचास सेंटर ऐसे हैं जहां वैरिफिकेशन करवा लेने वालों की संख्या पचास भी पार नहीं कर सकी है। कुछ तो बीस से तीन के बीच ही टिके हुए हैं।

इलाहाबाद में डाक्यूमेंट वैरिफिकेशन का हाल

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कॉलेज का नाम संख्या

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यूनाईटेड कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड रिसर्च 298

बीबीएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी 1420

शम्भूनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी 1075

एलडीसी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज 149

युनाईटेड इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी 1000

देव प्रयाग इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीस 457

ये हैं सबसे आगे

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अशोका इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट वाराणसी 3769

फैकेल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी आगरा 2053

प्रवीन सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कानपुर 1568

इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट गोरखपुर 1943

काशी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी वाराणसी 1940

शेरवुड कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट लखनऊ 1516

(नोट- सभी आंकड़े दो दिन पहले तक के हैं.)

Posted By: Inextlive