- मोहम्मद अली बहादुर शाह का 101वां तीन रोजा उर्स शुरू

- पहले दिन ऑर्गनाइज हुआ जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी जलसा

GORAKHPUR: रहमतनगर स्थित बहादुरिया जामा मस्जिद के करीब हजरत मोहम्मद अली बहादुर शाह का 101वां तीन रोजा उर्स-ए-पाक गुरुवार को आस्ताने पर शुरू हुआ। इस दौरान 'जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी' जलसा हुआ। मुख्य वक्ता के तौर हाफिज व कारी अफजल बरकाती ने कहा कि सबसे अफजल इल्म कुरआन, हदीस और दीन का इल्म है। इसके बगैर कोई मुसलमान हकीकी मुसलमान नहीं बन सकता। माडर्न तालीम हासिल करने से पहले अपने बच्चों को कुरआन पढ़ना सिखाएं, दीन की जरूरी और अहम बातें सिखाएं, रहन-सहन के आदाब, बड़ों के साथ अदब व एहतराम का सुलूक, छोटों से प्यार से पेश आना, जरूरी तहजीब और तर्बियत देना जरूरी है। औलाद का हक है कि उनकी अच्छी तालीम व तर्बियत का इंतजाम किया जाए।

अच्छी तालीम, अफजल तोहफा

जलसे की सदारत करते हुए मुफ्ती अख्तर हुसैन मन्नानी ने कहा कि पैगंबर-ए-इस्लाम ने आज से चौदह सौ साल पहले साथ कर दिया कि मां-बाप की तरफ से औलाद को सबसे अफजल तोहफा उनकी अच्छी तालीम और तर्बियत है। यही उनके लिए दीन और दुनिया दोनों एतबार से अच्छी नेमत है। बाकी सारी चीजें फानी हैं और सानवी दर्जा रखती हैं। इसलिए अपनी औलाद को पढ़ाइए और मेहनत करके पढ़ाइए। एक वक्त भूखे रहकर पढ़ाना पढ़े तो भूखे रहकर पढ़ाइए ताकि अल्लाह के पास जवाबदेही आसान हो।

मांगी गई अमन की दुआ

संचालन करते हुए मौलाना अली अहमद ने कहा कि औलिया की जिदंगी हमारे लिए नमूना है। उस पर अमल करके अल्लाह और रसूल की नजदीकी हासिल की जा सकती है। जलसा खत्म होने पर सलातो सलाम पढ़ दुआ मांगी गई। शीरीनी तकसीम की गई। इस मौके पर नात रईस अनवर व कुर्बान अली ने पढ़ी। अली मजहर शाह, अली गजनफर शाह, फिरोज अहमद राइन नेहाली, अली जफर शाह, तौसीफ अहमद, मोहम्मद अहमद, सरफराज, शम्स तबरेज नेहाली, अली सफदर शाह, राजू, अली मुजफ्फर शाह, अली सरवर शाह, गुफरान, इमरान आदि लोग मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive