Bareilly : अपनी बख्शीश के लिए सोचने वाला है कौन मुस्तफा का काम है ये मुस्तफा पर छोड़ दे. क्या है सुन्नत क्या बिदअत क्या सही है क्या गलत ये बरेली के इमाम अहमद रजा पर छोड़ दे. ये शेर तो मौलाना इलियास फैजी का है लेकिन दिल में ऐसी ही हसरत लिए जायरीन सैटरडे को शुरू हो रहे 95वें उर्स-ए-रजवी में शिरकत करने के लिए सिटी में पहुंचने लगे हैं. ये जायरीन देश के अलग-अलग हिस्सों के अलावा विदेशों से भी पहुंच चुके हैं.


परचम कुशाई से शुरुआतउर्स के पहले दिन सैटरडे को नमाज-ए-फज्र कुरानख्वानी रजा मस्जिद में होगी। इसके बाद दोपहर बाद तीन बजे आजमनगर परचम कुशाई का जुलूस निकलेगा। जुलूस अपने कदीमी रास्तों कुमार सिनेमा, इंदिरा मार्केट, बिहारीपुर ढाल के रास्ते दरगाह पहुंचेगा। यहां पर सलामी देने के बाद जुलूस सज्जादानशीन हजरत सुŽहानी मियां की कयादत में इस्लामिया ग्राउंड पहुंचेगा। यहां नमाज-ए-अस्र परचम कुशाई की रस्म हजरत सुŽहानी मियां के दस्त-ए-मुबारक से अदा होगी। जत्थों के साथ आए जायरीनउर्स के लिए हालैंड से पहुंचे मौलाना अलाउद्दीन हों या साउथ अफ्रीका के जुनेथ हों या फिर मॉरीशस की जामा मस्जिद के इमाम मौलाना गुफरान रजवी हों, लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। फ्राइडे को जायरीन ने आला हजरत की दरगाह पर चादरपोशी की।दी गईं जिम्मेदारियां
तीन रोज उर्स-ए-रजवी के मौके पर फ्राइडे को देश-विदेश के जायरीन के अलावा शहर भर के अकीदतमंदों ने दरगाह पर गुलपोशी व चादरपोशी कर फातिहाख्वानी की। इसके बाद नमाज-ए-मगरिब उर्स प्रभारी सय्यद आसिफ मियां और अल्हाज हसन रजा खां उर्फ नूरी मियां ने सभी रजाकारों को आईडेंटिटी कार्ड सौंपा व जिम्मेदारियां बांटी। मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी के अनुसार देर रात अजमेर शरीफ के गद्दीनशीन सय्यद फरीद उल हसन चिश्ती ने सज्जादानशीन हजरत सुŽहानी मियां के साथ दरगाह पर संदल पेश कर गुलपोशी की।


इत्र और चादर की डिमांडइस्लामियां ग्राउंड से लेकर दरगाह स्थल तक देश अलग-अलग हिस्सों से आए दुकानदारों ने अपनी दुकानें सजा लीं हैं। इन दुकानों में इत्र, सूरमा, काजल, चादर और फूलों की खरीदारी जायरीन जमकर कर रहे हैं। दरगाह पर चादरपोशी के लिए गुजरात, दिल्ली से रंग-बिरंगी चादरों के साथ कोलकाता, दिल्ली, बंबई के अलावा स्विजरलैंड, सऊदी अरब के मशहूर बेल, गुलाब, हयाती, मुस्क मजमुआं, जन्नत-ए-फरदौस इत्र की खासी डिमांड है। खास बात यह है कि जायरीन काजल और बरेली के सूरमा की भी खरीदारी कर रहे हैं। साथ ही उर्स के मौके पर सबसे अधिक बिक्री लिटरेचर होती है। जायरीन में सबसे ज्यादा टोपियां का क्रेज है। इन टोपियों को मुंबई, कोलकाता, नागपुर, बांग्लादेश, ओमान, अफगानिस्तान और इंडोनेशिया से लाया जाता है।शायरों की महफिल भीपहले दिन देश के नामचीन शायर मुशायरे में शिरकत करेंगे। इन शायरों में झारखंड से इलियास फैजी के अलावा बोकारो के शायर दिलकश, मौलाना सनाउल मुस्तफा चतुर्वेदी, कलकत्ता से मशहूर शायर असद इकबाल, इंग्लैंड के विख्यात उलेमा कमरुजमा आजमी, जिक्रउल्लाह, मौलाना मुख्तार बरेलवी, मौलाना सुल्तान अशरफ, उल्लामा जियाउल मुस्तफा, कारी शखावत शामिल हैं।होटल इंडस्ट्री करेगी एक करोड़ का बिजनेस

उर्स-ए-रजवी के पाक मौके पर अगले तीन दिनों तक सिटी के होटल्स और गेस्ट हाउस बुक हो चुके हैं। बाहरी देशों व अदर स्टेट से आने वाले जायरीन के लिए होटल्स ने पूरी तैयारी कर ली है। बरेली की होटल इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि उर्स के दौरान केवल तीन दिनों में ही करीब एक करोड़ से अधिक का बिजनेस होने की संभावना है। सिटी के कई होटल्स कस्टमर्स को स्पेशल डिस्काउंट भी प्रोवाइड करा रहे हैं। उर्स में शिरकत करने के लिए श्रीलंका, सूडान, साउथ अफ्रीका, सउदी अरब व अमेरिका के साथ ही देश के अन्य हिस्सों जैसे गोवा, गुजरात, मुंबई, हैदराबाद से भी लोग पहुंच रहे हैं। फॉरेन से आने वाले शेख और जायरीन लग्जीरियस रूम ही प्रिफर करते हैं, इसलिए सिटी के होटल्स बेहतर से बेहतर फैसिलिटीज प्रोवाइड कराने में लगे हुए हैं। इसके अलावा होटल्स में आने वाले कस्टमर्स की फरमाइश का भी काफी ध्यान रखा जा रहा है।

Posted By: Inextlive