अमरीकी सरकार के इलेक्ट्रॉनिक निगरानी कार्यक्रम की जानकारी सार्वजनिक करने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी एनएसए के पूर्व कांट्रेक्टर एडवर्ड स्नोडेन ने कहा है कि एनएसए विदेशी कंपनियों की जासूसी में लगी हुई है.


जर्मनी के टीवी चैनल एआरडी टीवी को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि एनएसए जर्मनी की उन बड़ी कंपनियों की जासूसी करेगी, जिनकी अमरीकी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा है.स्नोडेन को रूस ने अस्थायी रूप से शरण दे रखी है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें लगता है कि अमरीकी अधिकारी उनकी हत्या करना चाहते हैं.उनकी ओर से सार्वजनिक किए गए कागज़ात से जब यह पता चला कि जर्मनी के चांसलर  एजेंला मर्केल के टेलीफ़ोन की भी जासूसी की जा रही है तो  जर्मनी में नाराज़गी पैदा हो गई थी.पिछले साल पैदा हुए विवाद के बाद मर्केल ने अमरीका पर विश्वास तोड़ने आरोप लगाते हुए इसे अस्वीकार्य बताया था.संकेतपिछले हफ़्ते अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जर्मनी के टीवी चैनल ज़ेडडीएफ़ टीवी से बातचीत में संकेत दिया था कि मर्केल के मोबाइल फ़ोन की  जासूसी एक ग़लती थी और आगे से ऐसा नहीं होगा.


"मुझे लगता है कि अमरीकी एजेंट मेरी हत्या करना चाहते हैं"-एडवर्ड स्नोडेनबर्लिन में मौज़ूद बीबीसी संवाददाता स्टीफ़न इवांस का कहना है कि  स्नोडेन के औद्योगिक जासूसी का यह नया आरोप अटलांटिक के आरपार विश्वास बहाली को और कठिन बनाएगा.

जर्मनी की इंजीनियरिंग कंपनी सिमेंस का ज़िक्र करते हुए स्नोडेन ने एआरडी से कहा, ''अगर सिमेंस के बारे में कोई सूचना है और उन्हें (एनएसए) लगता है कि यह अमरीका के राष्ट्रीय हित में है तो वो उसे ले जाएंगे.''स्नोडेन ने यह भी कहा कि उन्हें लगता है कि अमरीकी एजेंट उनकी हत्या करना चाहते हैं.हत्या की आशंकाइसके लिए उन्होंने बजफ़ीड नाम की बेवसाइट में प्रकाशित एक लेख का हवाला दिया. इसमें जासूसों को यह कहते हुए उद्धृत किया गया है कि वे उन्हें मरा हुआ देखना चाहते हैं.अमरीकी सरकार के इलेक्ट्रॉनिक  निगरानी कार्यक्रम की जानकारी सार्वजनिक करने के बाद रूस ने पिछले साल अगस्त में स्नोडेन को एक साल की अस्थायी शरण दी थी.अमरीका ने स्नोडेन पर सरकारी संपत्ति, राष्ट्रीय सुरक्षा जानकारी और ख़ुफ़िया सूचनाएं चुराने का आरोप लगाया है.इनमें से हर आरोप के साबित होने पर स्नोडेन को दस-दस साल जेल की सज़ा हो सकती है. इस हफ़्ते की शुरुआत में  स्नोडेन ने कहा था कि उन्हें अमरीका में निष्पक्ष मुक़दमे की उम्मीद नहीं है और वहाँ वापस लौटने की उनकी कोई योजना नहीं है.

Posted By: Subhesh Sharma