डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को ईरानी जनरल कासिम सोलेमनी को मारने के अपने कदम का फिर से बचाव किया है। इसके अलावा अमेरिका में उन्हें विपक्षियों पर भड़कते हुए देखा गया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने आतंकी सोलेमानी को मारा है लेकिन विपक्षी इस कदम का विरोध करके देश का अपमान कर रहे है।


वाशिंगटन (एएनआई)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को ईरानी जनरल कासिम सोलेमनी को मारने के अपने कदम का फिर से बचाव किया। इसके साथ उन्होंने सोलेमनी को दुनिया का नंबर एक आतंकी करार दिया। एक प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, 'हमने ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सोलेमानी को मार डाला, जो हर तरह से दुनिया में नंबर एक आतंकवादी था। उस व्यक्ति ने बहुत सारे अमेरिकियों और अन्य लोगों को मार दिया, इसके जवाब में हमने उसे मार दिया। ऐसे में जब डेमोक्रेट हमारा विरोध करके उसका बचाव करते हैं, तो यह हमारे देश का अपमान है।'तीन दिन से ईरान में हो रहा विरोध प्रदर्शन
बता दें कि ईरान में पिछले तीन दिनों से सेना द्वारा यूक्रेनी विमान मार गिराए जाने को लेकर सड़कों पर भारी विरोध प्रदर्शन हो रहा है। इस हादसे में 176 लोगों की मौत हो गई थी। सोशल मीडिया पर जारी हुए वीडियो में देखा जा रहा है कि इस्फहान शहर और तेहरान में विश्वविद्यालयों के बाहर छात्र सड़कों पर प्रदर्शन के दौरान मौलवियों के खिलाफ नारे लगा रहे हैं और पुलिस दंगाई को शांत करने की कोशिश कर रही है। पिछले दो दिनों हिंसा प्रदर्शन के दौरान कई लोग घायल हो गए हैं और वीडियो में कई जगह सड़कों पर खून देखा गया है। कई जगहों पर पुलिस को गोलियां बरसाते हुए भी सुना गया है लेकिन पुलिस ने फायरिंग के आरोपों को खारिज कर दिया है। ईरान को अमेरिका के खास स्थलों पर बम गिराने की सलाह देने पर भारतवंशी प्रोफेसर बर्खास्तअटॉर्नी जनरल ने भी किया ट्रंप का बचाववहीं, अमेरिकी अटॉर्नी जनरल विलियम बर ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पास स्पष्ट रूप से कासिम सोलेमानी को मारने का अधिकार था और व्हाइट हाउस ने ईरानी कमांडर पर हमले से पहले अपने विभाग के साथ परामर्श किया था। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि राष्ट्रपति को स्पष्ट रूप से यह काम करने का अधिकार था क्योंकि उन्होंने कई अलग-अलग आधारों के तहत इस तरह का कदम उठाया है। हमारे पास एक ऐसी स्थिति थी जहां ईरानियों ने पहले ही मिडिल ईस्ट से हमें बाहर निकालने के उद्देश्य से अमेरिकी लोगों और हमारे सैनिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी थी।'

Posted By: Mukul Kumar