हाल ही में पाकिस्तान को टैरेरिज्म के अगेंस्ट फाइट करने के लिए सर्पोट करते हुए फाइनेंशियल एड बढ़ाने के डिसीजन को लेकर इंडिया का क्रिटिसिज्म झेल रहे अमेरिका ने इस मामले पर अपना क्लेरिफिकेशन देते हुए कहा की उसकी इस तरह की एड देने की कोई प्लानिंग नहीं है.


इंडिया के डिस्प्लेजर के बाद अमेरिका ने उन न्यूज से डिनॉय किया है, जिसमें पाकिस्तान को टैरेरिज्म से निपटने के लिए एप्रिसिएशन का सर्टिफिकेट देने और फाइनेंशियल एड बढ़ाए जाने की बात कही गई है. अमेरिका का कहना है कि उसने पाकिस्तान को एंटी टैरेरिज्म मूवमेंट्स के लिए कोई सर्टिफिकेशन नहीं दिया है. अमेरिकी फॉरेन मिनिस्ट्री ने कहा कि 2013 के बाद पाकिस्तान को कोई फंड रिलीज नहीं किया गया है.पहले ऐसी न्यूज आयी थीं कि यूएस पाकिस्तान को सर्पोट करते हुए उसके एंटी टेरेरिज्म मूवमेंट से खुश हो कर उसे एप्रिसिएशन सर्टिफिकेट दे रहा है और फाइनेंशियल एड भी बढ़ाने जा रहा है. इस एटिट्यूड पर शॉपर्ली रिएक्ट करते हुए इंडियन अथॉरिटीज ने अपना डिस्प्लेजर शो किया था. इंडिया ने इस बिहेवियर को वर्ल्ड पीस केलिए डेंजरस माना.
कहा गया था कि अमेरिका ने पाकिस्तान को अल कायदा, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे टैरेरिस्ट ग्रुप्स के अगेंस्ट एक्शन लेने का सर्टिफिकेट दिया. अमेरिकी फॉरेन मिनिस्टर जॉन कैरी ने कैरी-लूगर बिल 2010 के अकॉर्डिंग पाकिस्तान को टेरेरिज्म के अगेंस्ट स्ट्रांग विल शो करने के नाम पर उसे फाइनेंशियल हेल्प के लिए एक्सेप्टेंस दे दी है. अमेरिका के इस डिसीजन पर स्टायर काते हुए इंडियन फॉरेन मिनिस्टरी के स्पोक्स पर्सन ने कमेंट किया कि अमेरिकी टैक्स पेअर्स के पैसे का कैसे यूज हो ये अमेरिकी सरकार का प्रिवलेज है, पर भारत इससे कतई एग्री नहीं करता कि पाकिस्तान ने लश्कर, जैश-ए-मोहम्मद  और अलकायदा जैसे ग्रुप्स के अगेंस्ट एक्शन में और उनके हाइड आउट्स पर अटैक करने के लिए स्ट्रांग स्टेपप्स लिए हैं.इंडिया ने अफगानिस्तान में उर्दू और पंजाबी बोलने वाले टैरेरिस्टस की अफगानिस्तान में बढ़ती एक्टिविटीज का भी इश्यू भी रेज किया. फॉरेन मिनिस्टरी के स्पोक्सपर्सन सैय्यद अकबरुद्दीन ने कहा कि ऐसे टेरकरिस्ट ग्रुप्स इंडिया सहित अफगानिस्तान की हेल्प में लगी इंटरनेशनल कम्युनिटी के लिए थ्रेट बन चुके हैं. अमेरिकी फॉरेन मिनिस्टर कैरी ने एड सर्टिफिकेट पर साइन करने के बाद एक्सपेक्ट किया है कि प्रेसिडेंट ओबामा भी जल्दी ही इसे अपनी एक्सेंप्टेंस दे देंगे. इस डिफेंस पॉलिसी पर साइन से पाकिस्तान को 532 मिलियन डॉलर की एड मिल रही है. अमेरिकी कांग्रेस से 2010 में पास केरी-लुगार बिल के अंडर पाकिस्तान को 1.5 अरब डॉलर पर इयर नॉन मिलेट्री अमेरिकी हेल्प मिल सकती है.

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Posted By: Molly Seth