अमरीका पर 9/11 हमले के पीड़ितों को सऊदी सरकार के ख़िलाफ़ मुकदमा करने का अधिकार देने वाला बिल सीनेट ने पास कर दिया है।

जस्टिस अगेंस्ट स्पॉन्सर्स ऑफ़ टेररिज़्म एक्ट को अब अमरीकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ़ रिप्रेजेंटेटिव्स में भेजा जाएगा। सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने चेतावनी दी है कि इसके नतीजे में सऊदी सरकार अमरीकी निवेश से अपने हाथ खींच सकती है। अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा था कि वो इस बिल को वीटो कर देंगे लेकिन एक डेमोक्रैटिक सांसद इस बात के लिए आश्वस्त हैं कि राष्ट्रपति ओबामा को वीटो का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा। अगर ये बिल क़ानून में तब्दील हो गया तो हमले के पीड़ितों के परिवार सऊदी सरकार के किसी भी ऐसे सदस्य के ख़िलाफ़ मुक़दमा दायर कर सकेंगे जिनकी इन हमलों में भूमिका मानी जा सकती है।

सऊदी अरब 2001 में हुए इन हमलों के पीछे अपनी किसी भूमिका से इनकार करता है। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन पर हुए हमले में क़रीब 3000 लोगों की मौत हुई थी। हमले में इस्तेमाल विमानों का अपहरण करने वाले 19 लोगों में से 15 सऊदी नागरिक थे। 2004 में 9/11 आयोग की रिपोर्ट में कहा गया था, ''इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि सऊदी सरकार ने एक संस्था या किसी वरिष्ठ सऊदी अधिकारी ने स्वतंत्र रूप से उस संस्था को मदद दी थी जिसने हमला किया।’’
इस हमले की ज़िम्मेदारी चरमपंथी संगठन अल-क़ायदा ने ली थी. अल-क़ायदा के प्रमुख ओसामा बिन लादेन सऊदी के रहने वाले थे लेकिन सरकार ने उनकी नागरिकता ख़त्म कर दी थी। व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने कहा है कि अमरीकी राष्ट्रपति इस बिल को लेकर ख़ासे चिंतित हैं और इस बात की कोई उम्मीद नहीं कि वो इस पर दस्तख़त कर इसे क़ानून बनने देंगे।

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Posted By: Molly Seth