पाकिस्तान की एक अदालत ने गुरुवार को अल-कायदा के नेता अहमद उमर सईद शेख की मौत की सजा को रद कर दिया जिसे 2002 में कराची में अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल के अपहरण और हत्या में दोषी ठहराया गया था।

वाशिंगटन (पीटीआई) अमेरिका ने पत्रकार डैनियल पर्ल के अपहरण और हत्या में दोषी पाए गए अल-कायदा नेता अहमद उमर सईद शेख की मौत की सजा को रद करने के लिए शुक्रवार को पाकिस्तान की एक अदालत की खूब आलोचना की। उन्होंने इस फैसले को एक तरह से 'अपमान' करार दिया है। सिंध उच्च न्यायालय ने गुरुवार को 46 वर्षीय शेख को अपहरण के आरोप में दोषी पाया और उसकी मौत की सजा को सात साल की सजा में तब्दील कर दिया। इसी फैसले के बाद अमेरिका की प्रतिक्रिया सामने आई है। शेख 2002 में कराची में पर्ल की हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद पिछले 18 साल से जेल में है। बता दें कि शेख का तार 9/11 के आतंकी हमले से जुड़ा है। इसके अलावा, न्यायमूर्ति मोहम्मद करीम खान आगा की अध्यक्षता वाली दो न्यायाधीशों वाली पीठ ने इस मामले में तीन अन्य लोगों - फहद नसीम, सलमान साकिब और शेख आदिल को भी उम्रकैद की सजा सुनाई।

दोषियों को मिलनी चाहिए सही सजा

दक्षिण और मध्य एशिया के लिए कार्यवाहक सहायक सचिव ऐलिस वेल्स ने एक ट्वीट में कहा, 'डैनियल पर्ल की हत्या के दोषियों की सजा पलटना हर जगह आतंकवाद के पीड़ितों के लिए एक अपमान है। लेकिन दक्षिण एशिया के लिए अमेरिका के शीर्ष राजनयिक ने पाकिस्तानी अभियोजकों के संकेतों का स्वागत किया कि वे निर्णय को अपील करेंगे। वेल्स ने कहा, 'हम पाकिस्तान के उस निर्णय का स्वागत करते हैं, जिसमें वकीलों ने कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे। डैनियल के जघन्य अपहरण और हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों को सही सजा मिलनी चाहिए।' बता दें कि द वॉल स्ट्रीट जर्नल के 38 वर्षीय पत्रकार पर्ल का अपहरण कर लिया गया था और बाद में उनकी हत्या कर दी गई थी, जब वह पाकिस्तान में देश की शक्तिशाली जासूसी एजेंसी आईएसआई और अल-कायदा के बीच कथित संबंधों पर एक कहानी की जांच कर रहे थे।

अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत से सांसद ने की बात

बता दें कि अमेरिका के सांसद ब्रैड शेरमैन ने पाक अदालत के फैसले पर अपना दृष्टिकोण व्यक्त करने के लिए अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत से बात की। उन्होंने कहा, 'अदालत का यह निर्णय अपमानजनक है और उम्मीद है कि उच्च न्यायालय द्वारा पलट दिया जाएगा।'

Posted By: Mukul Kumar