अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन एच-1बी वीजा की आवेदन फीस बढ़ाने की तैयारी में है। फीस वृद्धि से यूएस में अमेरिकी युवकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जायेगा।


वाशिंगटन (पीटीआई)। अमेरिका के श्रम मंत्री एलेक्जेंडर एकोस्टा ने कहा कि ट्रंप प्रशासन एच-1बी वीजा की आवेदन फीस में बढ़ोतरी करने की तैयारी में है। इस शुल्क वृद्धि से अमेरिकी युवकों को प्रौद्योगिकी संबंधित कार्यो का प्रशिक्षण देने के लिए चल रहे कार्यक्रम को बड़े स्तर तक पहुंचाया जाएगा। आवेदन फीस बढ़ाने के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। हालांकि, एकोस्टा ने यह नहीं बताया कि आवेदन फीस के शुल्क को कितना बढ़ाया जायेगा और किन श्रेणियों के लिए इसे लागू किया जायेगा लेकिन पिछले अनुभव को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि भारतीय आईटी कंपनियां को भारी फाइनेंसियल बोझ का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि इन कंपनियों की ओर से एच-1बी वीजा के लिए ज्यादा संख्या में आवेदन किए जाते हैं।आने वाले हैं फ्रांस के राष्ट्रपति, इस साल 14 विदेशी मेहमानों की अगवानी कर चुका है भारत


राष्ट्रपति बनने के बाद से ही ट्रंप कस रहे हैं नकेल

इसके बाद एकोस्टा ने जोर देते हुए कहा कि नौकरी पाने की कॉम्पिटिशन में विदेशी प्रोफेशनल्स अमेरिकियों को काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसलिए ट्रंप प्रशासन एच-1बी वीजा प्रोग्राम पर नकेल कस रहा है। सिएटल टाइम्स ने सोमवार को बताया कि पिछले साल आव्रजन अधिकारियों ने टैलेंटेड विदेशी प्रोफेशनल्स द्वारा नए वीजा के लिए किये गए हर चार अनुरोधों में से लगभग एक को खारिज कर दिया था। बता दें कि एच-1बी वीजा भारतीय आइटी पेशेवरों के बीच काफी पॉपुलर है। इस वीजा के जरिये अमेरिकी कंपनियों को उन क्षेत्रों में टैलेंटेड विदेशी प्रोफेशनल्स को जॉब देने की अनुमति मिलती है, जिनमें अमेरिकी प्रोफेशनल्स की कमी है। इस वीजा के जरिये अमेरिका की आईटी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से प्रत्येक वर्ष दसियों हजार पेशेवरों को नियुक्त करती हैं। यह वीजा तीन साल के लिए जारी होता है और छह साल तक इसकी अवधि बढ़ाई जा सकती है। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद इस पर लगाम कसी जा रही है।

Posted By: Mukul Kumar