-गवर्नर ने डिजास्टर मैनेजमेंट पर ली अधिकारियों की बैठक

-बैठक में राज्य आपदा प्रबंधन व्यवस्था की गई समीक्षा

DEHRADUN : राज्य के हिल एरियाज में सभी नेचुरल सरोवरों व नदियों में एवलांच, स्नोमैल्टिंग, हैवी रेन फॉल व रॉक फॉल जैसे कारणों से आपदा की संभावनाओं के लिए स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (यूसैक) की हेल्प ली जाए। यह कहना है गवर्नर डा। केके पॉल का। वे सैटरडे को राजभवन में आपदा प्रबंधन सचिव भास्करानंद के साथ बैठक कर राज्य के आपदा प्रबंधन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे।

ली जाए स्पेस सेंटर की हेल्प

उन्होंने कहा कि पहाड़ में जिस किसी भी प्रकार से खासकर नेचुरल सरोवर टूटने, नदियों में अचानक जल बहाव तेज होने या फिर एवलॉन्च जैसी तमाम प्रकार की शिकायतें होने के कारण आपदा की संभावनाएं बढ़ती हैं। ऐसे वक्त पर स्पेस एप्लीकेशन सेंटर की हेल्प ली जाए। राज्य में डिजास्टर मैनेजमेंट की बेहतर व्यवस्थाओं के लिए सैटेलाइट इमेजरी व सैटेलाइट कम्यूनिकेशन जैसी मॉर्डन तकनीक का प्रयोग किया जाए। गवर्नर ने कहा कि आगामी अप्रैल महीने से ऊंचे पर्वत शिखरों में स्नो मैल्टिंग शुरू हो जाती है, ऐसे मौके पर सैटालाइट डाटा वीकली रूप से कलेक्ट किया जाए। अर्थक्वेक की दृष्टि से हाइपर सेंसेटिव एरियाज का चिन्हीकरण होना चाहिए। जो एरियाज बेहद संवेदनशील हैं, वहां बने मकानों की मजबूती के लिए आवश्यक व्यवस्था किए जाने के भी उन्होंने निर्देश दिए।

Posted By: Inextlive