- 10 बच्चों में संदिग्ध लक्षण देखकर दिए जांच के निर्देश

- एसएन में अब तक नहीं बनाया गया आईसोलेशन वार्ड

आगरा। मौसम में बदलाव के साथ ही स्वाइन फ्लू का खतरा मंडराने लगा है। एसएन मेडिकल कॉलेज की बाल रोग ओपीडी में बच्चों को लेकर पहुंचने वाले परिजनों की सुबह से कतारें लगना शुरू हो रहीं हैं। शनिवार को करीब 10 बच्चों को संदिग्ध पाते हुए उनकी स्वाइन फ्लू की जांच कराई गई। हालांकि, अभी किसी में स्वाइन फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है। इधर, स्वाइन फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तरह अलर्ट रहने की अपील की है।

माइक्रोबॉयोलॉजी में 10 बच्चों की जांच

ओपीडी में वायरल फीवर के मरीजों की संख्या इन दिनों बढ़ी है। मेडिसिन विभाग की ओपीडी में 400 से 500 मरीज आते हैं। इसमें करीब 200 के करीब वायरल फीवर के मरीज आ रहे हैं। बाल रोग की ओपीडी में शनिवार को करीब 180 मरीज आए। जिनमें से दो मरीजों को माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग में भेजा गया है। वायरल फीवर में अभी तक 10 बच्चों में स्वाइन फ्लू वायरस एच-1 एन-1 की जांच कराई गई। अभी तक किसी भी मरीज में स्वाइन फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है।

नहीं बनाया गया वार्ड

माइक्रोबॉयोलॉजी में स्वाइन फ्लू के संदिग्धों की जांच की जा रही है। लेकिन, अभी तक कोई वार्ड नहीं बनाया गया है। ऐसे में अगर किसी मरीज में स्वाइन फ्लू की पुष्टि होती है, तो उसके लिए कोई सुरक्षित वार्ड नहीं बनाया गया है।

इमरजेंसी में चल रहा मरम्मत कार्य

पूर्व में स्वाइन फ्लू मरीजों के लिए इमरजेंसी में वार्ड मनाया जाता था। लेकिन, इस बार इमरजेंसी और ट्रॉमा सेंटर में मरम्मत कार्य चल रहा है। इससे इमरजेंसी में अनाथ वार्ड, शौचालय एवं वार्ड को खाली कर दिया गया है। हर ओर सीमेंट और धूल जमी हुई है। इस सबके बीच ही मरीजों का इलाज भी चल रहा है।

क्या है स्वाइन फ्लू

- स्वाइन फ्लू एक तीव्र संक्रामक रोग है। जो एंफ्लुएंजा वायरस एच-1 एन-1 द्वारा फैलता है।

- प्रभावित व्यक्ति में सामान्य मौसमी सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण होते हैं।

-नाक से पानी बहना, नाक बंद हो जाना

-गले में खराश, सर्दी जुकाम

-सिर दर्द, शरीर दर्द, थकान, ठंड लगना, पेटदर्द, बुखार

-कम उम्र के व्यक्तियों, छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

-खांसी, जुकाम एवं बुखार के रोगी से दूर रहें

-आंख, नाक, मुंह को छूने के बाद किसी अन्य वस्तु को न छुएं व हाथों को साबुन से धोएं

-खांसते एवं छीकते हुए नाक एवं मुंह पर कपड़ा रखें

-आलू, चावल आदि तथा शुगर युक्त चीजों का सेवन कम करें। यह पदार्थ शरीर में रोगों से लड़ने वाली विशिष्ट न्यूट्रोफिल्स की सक्रियता को कम कर देती है

-दही का सेवन न करे। छाछ ले सकते हैं। उबला हुआ पानी पिएं

-सर्दी-जुकाम होने पर भीड़ भाड़ वाली जगह पर जाने से बचे

वायरल फीवर के मरीजों की जांचें हुई हैं। स्वाइन फ्लू वायरस एच-1 एन-1 की जांच की गई है। अभी तक करीब 8 से 10 मरीजों की जांचें हो चुकी है। फिलहाल अभी तक किसी में स्वाइन फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है।

डॉ। आरती अग्रवाल, एचओडी, माइक्रोबॉयोलॉजी, एसएन मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive