- सुनीता ने अपने पति और डेढ़ साल की बेटी को खोया

आगरा। दुर्घटनाग्रस्त बस की यात्री सुनीता की आंखें अपने दर्द को भुलाकर बस बच्ची और पति के इंतजार में तड़प रहीं थी। सुनीता को पता नही था कि उसकी बेटी रिया और पति भानुप्रताप की हादसे में मौत हो चुकी है। श्रीकृष्णा हॉस्पिटल में आने वाले हर शख्स से बस सुनीता एक ही गुहार लगा रही थी कि मेरी बिटिया से मुझे मिला दो। वह बहुत छोटी है। एक बार मुझे उससे मिला दो। घायल सुनीता को हर कोई ढांढस बंधा रहा था कि सबकुछ ठीक है, वह अपना ख्याल रखे। उनका इलाज दूसरे अस्पताल में चल रहा है।

दिल्ली जा रहा था पूरा परिवार

खगियाखेड़ा निवासी सुनीता ने बताया कि वह अपने चार साल के बेटे युवराज, डेढ़ साल की बेटी रिया और पति भानुप्रताप के साथ लखनऊ से दिल्ली जा रही थी। बेटी उसकी गोद में सो रही थी। बेटा खिड़की की साइड बैठा हुआ था। जबकि पति बगल में खाली सीट पर बैठे हुए थे। सुबह के चार बजे सभी सोए हुए थे। अचानक से एक झटका लगा और सभी अलग-थलग हो गए। क्या हुआ कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था।

आंख और पीठ में आई गहरी चोंटे

सुनीता को एक्सीडेंट में आंखों के पास गहरी चोंटे आई हैं। पीठ में भी घाव आए हैं। घायल सुनीता का इलाज रामबाग स्थित श्रीकृष्णा हॉस्पिटल में चल रहा है। सुनीता के पास उसका चार साल का बेटा युवराज है। सुनीता को अभी तक नहीं बताया गया है कि उसकी बेटी और पति की हादसे के दौरान मौत हो चुकी है। इसे भगवान का करिश्मा ही कहेंगे कि बेटे युवराज को इस भीषण हादसे में एक खरोच भी नहीं आई। मासूम युवराज को पता ही नहीं कि उसके परिवार पर कितनी विपदा आ पड़ी है।

किसी ने नहीं दी मौत की खबर

हादसे के दौरान शरीर पर लगे घाव को भूलकर सुनीता वार्ड में आ रहे हर शख्स से पति के मोबाइल नंबर पर कॉल करने के लिए बोल रहीं थीं। कुछ ने कॉल लगाया भी, लेकिन घंटी जाने के बाद फोन उठा पर, उधर से कोई आवाज नहीं आया। हादसे से घबराई सुनीता अपनी बेटी और पति को एक नजर देखने के लिए बिलखती रहीं। लेकिन, उन्हें पति और बेटी की मौत की जानकारी देने की कोई हिम्मत नहीं जुटा सका।

Posted By: Inextlive