एलिवेटेड मेट्रो की तरह ही अंडरग्राउंड मेट्रो ट्रैक में बिजली की सप्लाई के लिए खंभे नहीं होंगे. ट्रैक के समानांतर एक थर्ड रेल लाइन बिछेगी. उप्र मेट्रो रेल कॉरपोरेशन यूपीएमआरसी की टीम ने ताजमहल से मन:कामेश्वर मंदिर स्टेशन तक अप लाइन में थर्ड रेल लाइन बिछाने का काम शुरू करवा दिया है. तीन किमी लंबे ट्रैक में 750 वोल्ट डीसी करंट से ट्रेनों का संचालन होगा.


आगरा(ब्यूरो)। यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने बताया कि डाउन ट्रैक की खोदाई का कार्य अंतिम चरण में है। तीन टनल बोङ्क्षरग मशीन का प्रयोग किया जा रहा है। तीन रिसीङ्क्षवग सब स्टेशन से थर्ड रेल लाइन को बिजली मिलेगी। पीएसी मैदान के डिपो में पहला सब स्टेशन चालू हो गया है। आईएसबीटी के पास दूसरा सब स्टेशन बन रहा है। तीसरा काङ्क्षलदी विहार में बनेगा। उन्होंने बताया कि सबसे पहले ग्रिड से 132 केवी की आपूर्ति होगी। इसके बाद रिसीङ्क्षवग सब स्टेशन में लगे स्टेप डाउन ट्रांसफॉरमर की मदद से 132 केवी की आपूर्ति को 33 केवी में बदला जाएगा।

बिजली का उत्पादन भी होगा
इस फेज के बाद 33 केवी की आपूर्ति को ट्रैक्शन सब स्टेशन में लगे ट्रैक्शन ट्रांसफारमर की मदद से 750 डीसी वोल्ट में कन्वर्ट किया जाएगा। इसी से मेट्रो, लिफ्ट, एस्कलेटर, एयर कंडीशङ्क्षनग सिस्टम सहित अन्य का संचालन होगा। उन्होंने बताया कि रीजेनेरेटिव प्रणाली की मदद से मेट्रो द्वारा बिजली का भी उत्पादन किया जाएगा। सामान्यतौर पर मैकेनिकल ब्रेङ्क्षकग प्रणाली में गाड़ी को रोकने के लिए ब्रेक शू का प्रयोग किया जाता है। व्हील पर ब्रेक शू रगडऩे से ऊष्मा उत्पन्न होती है, जबकि रीजेनेरेटिव प्रणाली में इलेक्ट्रिक मोटर से ट्रेनों को रोका जाएगा। इस प्रणाली के जरिए उत्पादित बिजली को ट्रेन के विभिन्न सिस्टम को चलाने के लिए प्रयोग किया जाएगा।

Posted By: Inextlive