199 को आगरा व 362 को मथुरा अलीगढ़ व मुरादाबाद की परेड के बाद मिली तैनाती.

आगरा(ब्यूरो) पुलिस लाइन में बुधवार को पाङ्क्षसग आउट परेड के बाद 561 नए सिपाहियों को तैनाती मिल गई है। इनमें से 199 रिक्रूट ने आगरा पुलिस लाइन में ही प्रशिक्षण प्राप्त किया है जबकि 362 रिक्रूट को मथुरा, अलीगढ़ व मुरादाबाद में हुई पाङ्क्षसग आउट परेड के बाद जिले में तैनाती मिली है।

एडीजी जोन से सलामी लेने के बाद दिलाई शपथ

पुलिस लाइन के मैदान पर पाङ्क्षसग आउट परेड की मुख्य अतिथि एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने सलामी ली उन्होंने वर्दी पहनने वाले नए सिपाहियों को उनके कर्तव्य व ड्यूटी के प्रति शपथ दिलाई।

यह रहे शपथ के दौरान मौजूद
परेड कमांडर प्रथम जोनी, द्वितीय उज्जवल व परेड कमांडर तृतीय संजीव शर्मा रहे। इस दौरान पाङ्क्षसग आउट परेड में डीएम प्रभु एन ङ्क्षसह, एसएसपी सुधीर कुमार ङ्क्षसह, एसपी सिटी विकास कुमार, एसपी ग्रामीण सत्यजीत गुप्ता, एसपी प्रोटोकाल शिवराम यादव, सीओ महेश कुमार, प्रतिसार निरीक्षक सुरेश कुमार आदि अधिकारी मौजूद रहे।

बेटों को वर्दी में देख परिजन के छलक उठे खुशी के आंसू

किसी के पिता राजमिस्त्री हैं तो किसी के पिता कारपेंटर। किसी के पिता खेती तो किसी के बाबा चौकीदार रहे हैं। बुधवार को पाङ्क्षसग आउट परेड में अधिकांश के परिजन आए थे। परेड में बेटों के तन पर खाकी वर्दी देखकर माता-पिता और परिजन की आंखें खुशी से छलक उठीं। हापुड़ देहात थाना क्षेत्र के रहने वाले रौनक अली के पिता कारपेंटर हैं। वहीं, मेरठ के परीक्षित गढ़ के रहने वाले पंकज गिरी के बाबा चौकीदार रहे हैं। जबकि मुजफ्फर नगर के थाना सिकेड़ा के रहने वाले राहुल के पिता राजमिस्त्री हैं। पुलिस विभाग में चयनित होने के बाद छह महीने का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सभी रिक्रूट की कोई न कोई कहानी है। बुधवार को पाङ्क्षसग पाउट परेड के बाद वर्दी पहनने वाले सभी पुलिसकर्मियों ने अपने माता-पिता व बड़ों के मैदान पर ही चरण स्पर्श किए तो परिजन की आंखों से खुशी के आंसू छलक उठे।

जितेंद्र कुमार बने सर्वश्रेष्ठ रिक्रूट

गाजियाबाद के रहने वाले जितेंद्र कुमार को सर्वश्रेष्ठ रिक्रूट चुना गया। उन्होंने इनडोर व आउटडोर दोनों परीक्षाओं में सबसे ज्यादा अंक प्राप्त किए। गाजियाबाद निवासी जितेंद्र कुमार के पिता जयवीर ङ्क्षसह किसान हैं। प्रशिक्षण के दौरान पुलिस के विविध विषयों में 23 रिक्रूट ने पहला स्थान प्राप्त किया। जिनमें गौरव मलिक, मोहम्मद आमिर आलम, विनीत कुमार, निखिल कुमार, प्रवेश चौधरी, जितेंद्र कुमार, मुनेंद्र, हरेंद्र यादव, करमजीत, आशीष कुमार, दीपक कुमार, ङ्क्षचटू, संजीव कुमार, पंकज यादव, विनय, प्रशांत कुमार, कुलकीत, आकाश हुड्डा, नितिन बाल्यान शामिल हैं।


बचपन से पुलिस की वर्दी पहनने का सपना देखता आया था। सोते-जागते बस वर्दी पहनने की धुन को माता-पिता भी जानते थे। उन्होंने सपने को पूरा करने के प्रेरित किया।
राहुल, मुजफ्फर नगर

स्कूल जाने के दौरान ही पुलिस में भर्ती होने का मन बना। वर्दी पहनने का सपना पूरा करने के लिए सुबह जल्दी उठ जाता था। परिवार की मदद और खुद की मेहनत से आज सपना सच हो गया।
संजीव कुमार, सहारनपुर

परिवार में कोई पुलिस विभाग में नहीं है, जिसने पुलिस की वर्दी पहनने के लिए प्रेरित किया। जिसके बाद नियमित अध्ययन के साथ ही दौड़ लगानी शुरू की। आज ये सपना पूरा हो गया।
रौनक अली, हापुड़ देहात

बचपन से पुलिस में भर्ती होना चाहता था पिता किसान हैं। बड़े भाई सेना में हैं। सपने को पूरा करने के लिए कड़़ा परिश्रम किया। बुधवार को वर्दी मिलने के साथ ही सपना पूरा हो गया।
मोनू कुमार, मुजफ्फर नगर

Posted By: Inextlive