आगरा। चंबल का बीहड़। घुप अंधेरा और कदम-कदम पर बदमाशों की गोली का डर। अपहृत डॉक्टर को सकुशल मुक्त कराने की चुनौती थी। जान जोखिम में डाल 22 पुलिसकर्मियों की टीम बीहड़ में उतरी। प्लान बनाकर 60 मिनट तक टीम आगे बढ़ती रही और आपरेशन सफल हो गया।

महिला ने आसान की पुलिस की राह

एत्माद्दौला क्षेत्र से डॉक्टर उमाकांत गुप्ता का अपहरण होने के बाद एडीजी राजीव कृष्ण, आइजी नवीन अरोरा और एसएसपी मुनिराज जी सक्रिय हो गए। सभी ने परिजनों को भरोसे में लिया कि हर जानकारी पुलिस से साझा करें, डॉक्टर को सकुशल बरामद किया जाएगा। धौलपुर में एक बदमाश और युवती के साथ कार बरामद होने से पुलिस की राह आसान हो गई थी, मगर डॉक्टर को सकुशल बरामद कराने की चुनौती खत्म नहीं हुई थी।

एसपी सिटी के नेतृत्व में चला ऑपरेशन

फील्ड आपरेशन के लिए एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद के नेतृत्व में तेज तर्रार इंस्पेक्टर, एसओजी टीम और स्वाट टीम को भेजा गया था। धौलपुर से इंस्पेक्टर क्षेत्राधिकारी और इंस्पेक्टर कोतवाली सदर भी उनके साथ अपनी टीम लेकर निकले थे। देर रात तक टीम बीहड़ में कां¨बग करती रही, लेकिन बदमाशों का कोई सुराग नहीं मिला। रात 11 बजे टीम वापस आ गई। बदमाशों के बारे में पुख्ता सूचना मिलने पर बुधवार रात एक बजे फिर से टीम बीहड़ में पहुंच गई। रात के अंधेरे में बदमाशों के डर से लाइट भी नहीं जला सकते थे।

छह किलो मीटर पैदल चली पुलिस

पुलिस ने करीब छह किमी दूर गाडि़यों को छोड़ पुलिस टीम पैदल ही उस स्थान के लिए निकली, जहां डॉक्टर को छिपा रखा था। निगरानी कर रहे बदमाश की टार्च की रोशनी दिखी। इसके बाद पुलिस टीम करीब सौ मीटर तक खेत में कोहनी के बल रेंगती हुई रात दो बजे डॉक्टर के पास पहुंच गई। उन्हें देख डॉक्टर को भरोसा नहीं हुआ, वह समझ रहे थे कि उन्हें दूसरे गैंग को शिफ्ट किया जा रहा है। इंस्पेक्टर एत्माद्दौला देवेंद्र शंकर पांडेय वर्दी में थे, उन्हें देख डॉक्टर को भरोसा हुआ। टीम उन्हें लेकर वापस आ गई। टीम में इंस्पेक्टर सदर अजय कौशल, एसओजी प्रभारी कुलदीप दीक्षित व उनकी टीम और स्वाट प्रभारी अजय सिंह व उनकी टीम शामिल थी।

Posted By: Inextlive