-पड़ोसी राज्यों से तस्करी कर आ रही अवैध शराब, जमकर हो रही बिक्री

-लगातार हो रही हैं अवैध-जहरीली शराब पीने से मौत, विभाग बने मौन

आगरा: हाल में ही अलीगढ़ में जहरीली शराब कहर बरपा चुकी है। बावजूद इसके जिम्मेदारों की आंखें नहीं खुलीं। डौकी क्षेत्र में चार लोगों की मौत का कारण भले ही पुलिस प्रशासन जहरीली शराब न मान रहा हो। लेकिन इस घटना के बाद अब अवैध और जहरीली शराब की बिक्री के विरोध में स्वर मुखर हो रहे हैं।

30 रुपए में बेच रहे 'जहर'

24 घंटे महज 30 और 50 रुपए में मौत का जाम बेचा जा रहा है। कई दशक से एक ही घर से बिक्री चल रही है, मगर पुलिस और आबकारी विभाग इसे बंद नहीं करा सके हैं। संबंधित विभाग भले ही इससे अंजान बन रहे हों, लेकिन ग्रामीण चिल्ला-चिल्लाकर उन पर मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं।

सालों से हो रही अवैध बिक्री

डौकी क्षेत्र के गांव कौलारा कला में सोमवार को तीन और इसी ग्राम पंचायत के मजरा बरकुला में एक व्यक्ति की जान शराब पीने के बाद चली गई। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में एक घर से करीब 40 वर्ष से कच्ची और देसी शराब बिक रही है। यहां से कच्ची शराब का पव्वा 30 और देसी शराब का पव्वा 50 रुपए में मिल जाता है। गेट में बने मोखले में रुपए डालने पर उधर से पव्वा मिल जाता है। रात हो या दिन, किसी भी समय यहां से समान रेट पर पव्वे मिल जाते हैं। पास के ही गांव का युवक लग्जरी गाड़ी से रात तीन बजे सप्लाई देने आता है। एक अन्य घर से भी दोनों तरह की शराब बेची जाती है। गांव के बाहर देसी और अंग्रेजी शराब के ठेके पर देसी शराब का पव्वा 80 रुपए में मिलता है। घर से शराब सस्ती मिल रही है। इतना ही नहीं, यहां रुपए कम होने पर पव्वा खोलकर भी शराब दे दी जाती है। कोई खाली नहीं लौटता है। तड़के से देर रात तक यहां खरीदारों की लाइन लगती है। बीट सिपाही से लेकर थानेदार और आबकारी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इससे अंजान बने हैं। तीन मौतों के बाद ग्रामीण दोनों विभागों पर मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं।

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यहां बनती है कच्ची शराब

डौकी, चमरपुरा, बरौली गूजर, फतेहाबाद के टीकैतपुरा और सादलियापुरा, निबोहरा थाना क्षेत्र के कई गांवों में भी कच्ची शराब बनती है।

Posted By: Inextlive