-एक साल में 50 करोड़ रुपये की बिकती है देसी, अंग्रेजी शराब और बियर

- पुलिस-प्रशासन और आबकारी विभाग के कार्यालयों में हर सप्ताह पहुंचती हैं 30 शिकायतें

आगरा :

केस 1

तीन साल पूर्व तत्कालीन आबकारी इंस्पेक्टर नीलम सिंह और ठेकेदार का आडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ। ऑडियो में आबकारी निरीक्षक ने अवैध तरीके से शराब की बिक्री के लिए न सिर्फ पैसे मांगे बल्कि अपने घर पर पेटी भी रखवा ली थी। मामले की जांच में नीलम को दोषी पाया गया और निलंबित किया गया।

केस 2

वर्ष 2015 में शमसाबाद ब्लाक के गढ़ी खांडेराव और इसौलीपुरा में मिलावटी शराब पीने से पांच लोगों की मौत हो गई। देसी शराब की अवैध तरीके से बिक्री की जा रही थी। इस मामले में तत्कालीन आबकारी सिपाहियों का निलंबित किया गया। जांच में गठजोड़ की पुष्टि हुई।

आगरा: शराब तस्करों और जिम्मेदार आबकारी विभाग की गठजोड़ के ये दो उदाहरण तो महज बानगी हैं। आगरा में विभाग की मिलीभगत से अवैध कारोबार फल-फूल रहा है। जिसके चलते अवैध शराब की बिक्री पर लगाम नहीं लग पा रही है।

लगातार पहुंच रहीं शिकायतें

पुलिस-प्रशासन और आबकारी विभाग के कार्यालयों में हर सप्ताह 30 शिकायतें पहुंचती हैं। जांच के आदेश होते हैं, लेकिन जिस तरीके से कार्रवाई होनी चाहिए वह नहीं होती है। एक साल में जनपद में 50 करोड़ रुपए की अवैध शराब बिकती है। देसी शराब का निर्माण और बिक्री स्थानीय स्तर पर होता है जबकि अंग्रेजी शराब और बियर की ठेकों से लेकर परचून की दुकानों में होती है। बाह में बीस रुपए में एक गिलास शराब बिकती है। वहीं फतेहपुरसीकरी, शमसाबाद में सबसे अधिक अवैध शराब बनती है। हाल यह है कि अवैध शराब की बिक्री ठेकों से होती है। नेशनल हाईवे के किनारे के अधिकांश ढाबों से लेकर रेस्टोरेंट तक में शराब परोसी जाती है। आबकारी विभाग ने एक अप्रैल से 31 जुलाई 2020 के बीच साढ़े चार हजार लीटर अवैध शराब जब्त की थी। 40 केस दर्ज किए गए थे। इस अवधि में इस साल बीस हजार लीटर शराब जब्त की गई और 116 केस दर्ज हुए। 48 में 43 लोगों को जेल भेजा गया।

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कागजों में है दो ठेकों का नियम

प्रदेश सरकार ने भले ही एक व्यक्ति के नाम पर दो ठेकों का नियम किया हो, लेकिन शराब माफिया के ¨सडीकेट को तोड़ने का प्रयास नहीं किया गया। कागजों में दो और हकीकत में 19 लोग ठेकों को संचालित कर रहे हैं।

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चे¨कग के नाम पर रस्म अदायगी

आबकारी विभाग चे¨कग के नाम पर रस्म अदायगी कर रहा है। ठेकों से अवैध शराब बिक रही है। कई ठेके देर रात तक खुलते हैं। हाल यह है कि एक साल के भीतर महज छह ठेकों में कमी मिली है, जिनके लाइसेंस को निलंबित किया गया है।

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आबकारी विभाग एक नजर में

- इस वित्तीय साल में आबकारी विभाग का राजस्व वसूली का लक्ष्य 1600 करोड़ रुपए है।

- जनपद में शराब की कुल 828 दुकानें हैं। इसमें देसी शराब की 328, अंग्रेजी की 246 और बियर की 196, 24 मॉडल शाप हैं।

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संयुक्त टीम गठित, मारेगी छापा

कौलारा कलां में चार लोगों की मौत के बाद एसडीएम फतेहाबाद की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। यह टीम निर्माण और बिक्री की धरपकड़ का अभियान चलाएगी। एडीएम सिटी डॉ। प्रभाकांत अवस्थी को नोडल अफसर बनाया गया है।

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Posted By: Inextlive