आगरा: आगरा में रामलीला कमेटी के पदाधिकारी धोखाधड़ी के आरोप में फंस गए हैं। उनके खिलाफ आगरा के प्राचीन श्री मनकामेश्वर मंदिर के बारादरी प्रांगण से लगे दालान परिसर को कजाने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करने का आरोप है। मामले में मनकामेश्वर मंदिर के मठ प्रशासक हरिहर पुरी ने रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों श्रीभगवान अग्रवाल, राजीव कुमार अग्रवाल, अतुल बंसल और योगेश कुमार को नामजद किया है।

विाग में नहीं मिला रिकॉर्ड

मनकामेश्वर मंदिर के मठ प्रशासक हरिहर पुरी द्वारा छत्ता थाने में दर्ज कराए मुकदमे के मुताबिक मंदिर में बने दालानों के कमरों की चाबियां सीओ छत्ता के माध्यम से रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों को एक महीने के लिए दी गईं थीं। जिन्हें कमेटी के पदाधिकारियों ने साजिश के तहत अपने कजे में रख लिया। इसकी शिकायत पुलिस अधिकारियों से की गई, लेकिन इसका निस्तारण नहीं किया गया। श्रीभगवान अग्रवाल, अतुल बंसल, राजीव कुमार अग्रवाल और योगेश कुमार ने साजिश के तहत कूट रचना करते हुए जाली नक्शा प्रशासनिक अधिकारियों को दिखाकर उन्हें गुमराह करना शुरू कर दिया.मामले की शिकायत मंडलायुक्त से करने पर उन्होंने जांच के निर्देश दिए। मामले में मंटोला थाने के उप निरीक्षक द्वारा रक्षा संपदा विभाग से कमेटी द्वारा प्रस्तुत किए गए नक्शे की जानकारी मांगी गई। विभाग से पता चला कि नक्शे से संबंधित किसी प्रकार का रिकॉर्ड विभाग में मौजूद नहीं है। विभाग की जानकारी में यह भी नहीं था कि नक्शा कहां से जारी हुआ। जबकि किसी भी विभाग द्वारा नक्शा जारी किया जाता है तो उसका रिकॉर्ड अपने यहां सुरक्षित रखा जाता है।

एडीजी के निर्देश पर जांच शुरू

हरिहर पुरी का आरोप है कि रामलीला कमेटी के आरोपी पदाधिकारियों ने मंदिर की संपत्ति हड़पने के लिए कूट रचित नक्शा तैयार किया। इस नक्शे के आधार पर मंदिर की संपत्ति को अपना बताते हुए 13 जनवरी 2021 को श्रीभगवान अग्रवाल और उनके साथियों ने मठ प्रशासक के साथ धक्का-मुक्की की। उनसे गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से शिकायत की, जिसे मंटोला थाने की पुलिस ने कागजों में निस्तारित दिखाते हुए रिपोर्ट लगा दी। मामले में मठ प्रशासक हरिहर पुरी ने एडीजी राजीव कृष्ण के यहां शिकायत की थी। एडीजी ने एसपी सिटी को पूरे प्रकरण की जांच दी थी। एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है, विवेचना की जा रही है।

रक्षा संपदा विभाग ने अपने जवाब में यह कहा है कि नक्शा ट्रेसेबल नहीं है। क्योंकि रिकॉर्ड काफी पुराना है। मठ प्रशासक ने तथ्यों को तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही सभी तथ्यों को प्रस्तुत करेंगे।

राजीव अग्रवाल, रामलीला कमेटी के मंत्री

Posted By: Inextlive