आगरा: स्कूल डेढ़ साल से बंद हैं, ऑनलाइन शिक्षण के नाम पर महज खानापूर्ति से शिक्षा का स्तर प्रभावित है। ऑनलाइन शिक्षण की हकीकत की पड़ताल कराने और ऑफलाइन स्कूल खोलने की मांग को लेकर गुरुवार को स्कूल संचालकों ने पैदल मार्च निकाला।

कक्षाएं शुरु करने की मांग

प्रतापपुरा स्थित अवंतीबाई चौराहे पर यूपी बोर्ड शिक्षा और शिक्षक बचाओ संघर्ष समिति के आह्वान पर स्कूल संचालक जुटे और पैदल मार्च करते हुए मंडलायुक्त कार्यालय पहुंचे। वहां शिक्षक विधायक डॉ। आकाश अग्रवाल के नेतृत्व में अपनी मांगों का ज्ञापन सौंप स्कूलों में ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करने की मांग की। जिससे शैक्षणिक स्थिति में सुधार होने के साथ समय से पाठ्यक्रम को पूरा हो सके।

हो रही खानापूर्ति

स्कूल संचालकों कहना था कि कक्षा एक से 12वीं तक के स्कूल खोले जाएं क्योंकि आनलाइन कक्षाओं के नाम पर खानापूर्ति होने से यूपी बोर्ड के विद्यार्थियों का भविष्य खराब हो रहा है। यह सिर्फ कागजों पर ही चल रही है, जिसकी जांच होनी चाहिए। साथ ही यूपी बोर्ड वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय देने का वादा पूरा किया जाए। इस दौरान सुरेंद्र सक्सेना, मधुसूदन शर्मा, गजेंद्र सिंह परमार, रामवीर फौजदार, वीके सिंह, राजकुमार गोस्वामी, अजय यादव, एसपी सिंह, संदीप मुखरैया आदि मौजूद रहे।

ये हैं मांगें

यूपी बोर्ड परीक्षा निरस्त होने से परीक्षा शुल्क के रूप में जमा 305 करोड़ रुपये से माध्यमिक शिक्षा परिषद वित्तविहीन शिक्षकों को आर्थिक सहयोग करें। सरकारी अध्यापकों की तरह वित्तविहीन शिक्षकों की जान कोविड-19 से जाने पर उनके परिजन को आर्थिक सहायता मिले। कोरोना संक्रमण के कारण बंद स्कूलों का उस अवधि का बिजली बिल सिर्फ यूनिट के आधार पर लिया जाए। स्कूल वाहन का प्रयोग न होने के कारण फिटनेस, बीमा, परमिट की अवधि बढ़ाई जाए। स्कूल वाहन पर लिए लोन पर याज माफ हो, लोन अवधि बढ़ाई जाए।

Posted By: Inextlive