मेट्रो कॉरिडोर: हर साल रखरखाव में होंगे 1.40 लाख रुपये खर्च
-यूपीएमआरसी करेगी आगरा मेट्रो का रखरखाव
-हर साल की जाएगी पांच फीसदी की बढ़त -बनाए जाने हैं 30 किमी। के दो कॉरिडोर -आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक बनेगा एलीवेटेड कॉरिडोरआगरा। आगरा मेट्रो कॉरिडोर के रखरखाव में हर वर्ष 1.40 करोड़ रुपये प्रति किमी। के हिसाब से खर्च किए जाएंगे। हर वर्ष इसमें 5 फीसदी की बढ़त की जाएगी। रखरखाव की कमान यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) संभालेगी। शहर में मेट्रो परियोजना के तहत 30 किमी। के कॉरिडोर बनाए जाएंगे। इस प्रकार पूरे कॉरिडोर पर 42 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसमें आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक पूरा एलीवेटेड कॉरिडोर बनाया जाएगा। पहले चरण में ताज के पूर्वी गेट से जामा मस्जिद तक 7 किमी। का ट्रैक बनाया जाएगा। इसे पहले चरण में दिसंबर 2022 तक तैयार कर लिया जाएगा। आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक कॉरिडोर तैयार होगा। इसके रखरखाव पर सबसे ज्यादा 26 करोड़ का खर्च आएगा।
नौ विभागों की समिति दूर करेगी मेट्रो की अड़चनमेट्रो परियोजना से जुड़ी अड़चनों को दूर करने के लिए डीएम प्रभु एन.सिंह ने नौ विभागों की समन्वय समिति गठित की है। इसमें मेट्रो रेल परियोजना, एनएचएआई, नगर निगम, एडीए, पीडब्ल्यूडी, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, एएसआई, यूपीपीसीबी समेत नौ विभागों शामिल हैं। यह समिति आज शुक्रवार 20 नवंबर को डीएम को अपनी रिपोर्ट देगी। कमेटी का उद्देश्य मेट्रो परियोजना में आने वाली दिक्कतों को दूर करना है। बता दें कि पहले चरण में तीन स्टेशनों का निर्माण होगा। बसई, ताज के पूर्वी गेट और फतेहाबाद रोड पर स्टेशन तैयार होगा। 14 किमी। से ज्यादा लम्बे कॉरिडोर में चार किमी। तक एलीवेटिड रोड का निर्माण होगा। पहले चरण का काम 273.90 करोड़ की लागत से पूरा किया जाएगा। जिन कंपनियों ने टेंडर लिया है, उनमें सेम इंडिया बिल्डवेल कंपनी को काम करना है।
16 हेक्टेयर जमीन पर बनेगा वर्कशॉप कोच मेट्रो के लिए जीवनी मंडी से पीएसी ग्राउंड तक वर्कशॉप कोच का निर्माण भी होगा। इसमें कुल 16 हेक्टेयर जमीन पर 112.63 करोड़ की लागत से इसके लिए टेंडर प्रक्रिया लीसा इंजीनियरिंग ने प्राप्त की है। वहीं मेट्रो के कोच बनाने के लिए बॉबíडयर रोलिंग स्टॉक कंपनी को टेंडर मिला है। लीसा कंपनी को 18 महीने में वर्कशॉप कोच का निर्माण कार्य पूरा करना होगा। वहीं आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक 10 हेक्टेयर जमीन चिह्नित की गई है।