आगरा. ब्यूरो कभी कल-कल करने वाली कालिंदी यमुना नदी ताजनगरी में आज अपनी दयनीय स्थिति से कराह रही है. कई सारे सरकारी दावे तीन-तीन यमुना एक्शन प्लान और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बावजूद यमुना नदी आज भी प्रदूषण का दंश झेल रही है. साल नया आ गया है लेकिन यमुना नदी में आज भी शहर के 60 से अधिक गंदे नाले गिर रहे हैैं जो यमुना के पानी को बुरी तरह से मैला कर रहे हैैं.

ऐसे मैली हो रही कालिंदी
शहर में बड़े नालों की संख्या 90 है। इसमें ज्यादातर नाले यमुना में गिर रहे हैं। इनसे गुजरने वाला सॉलिड वेस्ट भी यमुना में गिर रहा है। इसके चलते यमुना में प्रदूषण का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है। पर्यावरण एक्टिविस्ट डॉ। देवाशीष भट्टïाचार्य ने बताया कि यमुना को नाले तो गंदा कर रहे हैैं, इसके साथ में यमुना को धोबी घाट, मवेशी और यमुना में शौच भी गंदा कर रही है। उन्होंने बताया कि यमुना धोबी घाट को शिफ्ट नहीं किया जा सका है। धोबी घाट पर एसिड युक्त डिटर्जेंट यूज किया जाता है। वहीं यमुना में अभी भी खुले में शौच किया जाता है। नगर निगम के कड़े रुख के बावजूद यमुना में भैैंसे नहाती है। यह सब यमुना को बुरी तरह से प्रदूषित कर देती हैैं.डॉ। भट्टïाचार्य ने बताया कि यमुना सबसे ज्यादा प्रदूषित दिल्ली में हो जाती है। उन्होंने बताया कि यमुना दिल्ली में केवल 22 किलोमीटर बहती हैैं। यहां पर केवल दो परसेंट यमुना का फ्लो है, लेकिन दिल्ली में यमुना को 80 परसेंट तक प्रदूषित कर दिया जाता है। इसके बाद में बल्लभगढ़ आदि से होते हुए यमुना इंडस्ट्री का पॉल्यूशन लेकर आगरा आती है।

यमुना एक्शन प्लान का नहीं हुआ असर
डॉ। भट्टïाचार्य ने बताया कि यमुना को निर्मल बनाने के लिए यमुना एक्शन प्लान-1, यमुना एक्शन प्लान-2 और यमुना एक्शन प्लान-3 लाए गए। इसके तहत लगभग 1500 करोड़ रुपए खर्च भी किए गए लेकिन इनका कोई असर नहीं दिखा।

पूर्व मंत्री भी लिख चुके हैैं पत्र
पूर्व मंत्री राजा अरिदमन सिंह ने बताया कि यमुना एक्शन प्लान एक और यमुना एक्शन प्लान दो के तहत यमुना नदी में सीधे गिरने वाले 91 नालों को टैप किए जाने के लिए जापानी सहायता से फंड आया था। इसके बावजूद आज भी यमुना में 61 नालों का पानी गिर रहा है। एक्शन प्लान के तहत करोड़ो रुपए खर्च हुए, लेकिन असर नहीं हुआ। ऐसे में उन्होंने पूर्व में उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव (मुख्यमंत्री) और मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश को इस समस्या के लिए पत्र भी लिखा है।
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यह हैैं यमुना को प्रदूषित करने वाले कारण
- यमुना में सीधे गिरते नाले
- धोबी घाट
- यमुना में शौच
- मवेशियों का यमुना में नहाना
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91 नाले गिरते हैैं यमुना में
61 नाले सीधे गिर रहे यमुना में
03 यमुना एक्शन प्लान लागू हो चुके हैैं यमुना को साफ करने के लिए
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आगरा में यमुना नदी की स्थिति
नवंबर 2023 --
स्थान डीओ बीओडी श्रेणी
बटेश्वर-6.5-8.0-डी
कैलाशघाट-7.2-7.6 डी
ताजमहल- 6.8-8.4- डी
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अक्टूबर 2023 --
स्थान डीओ बीओडी श्रेणी
बटेश्वर-6.2-8.8-डी
कैलाशघाट-7.5-7.2 डी
ताजमहल- 6.9-8.4- डी
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नवंबर-2022---
स्थान डीओ बीओडी श्रेणी
बटेश्वर-6.7-8.4-डी
कैलाशघाट-8.6-7.6 डी
ताजमहल- 7.2-9.2- डी
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अक्टूबर-2022---
स्थान डीओ बीओडी श्रेणी
बटेश्वर-6.2-8.0-डी
कैलाशघाट-6.0-7.2 डी
ताजमहल- 5.4-8.4- डी

(नोट- पूरे माह लिए गए सैैंपल की रिपोर्ट, आंकड़े यूपीपीसीबी द्वारा जारी किए गए हैैं। डीओ डिजॉल्व ऑक्सीजन, बीडीओ बायोकैमिकल ऑक्सीजन डिमांड मात्रा प्रति मिलीग्राम प्रति ली। में)
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यमुना नदी में अभी नाले बिना टेप किए गिर रहे हैैं। इसके साथ ही धोबी घाट, यमुना में शौच करना जारी है। यमुना का जल आचमन करने के लायक भी नहीं रहा है।
- डॉ। देवाशीष भट्टïाचार्य, पर्यावरण एक्टिविस्ट

यमुना की बदहाली को लेकर कुछ समय पहले शासन को पत्र लिखा था। करोड़ो रुपए खर्च करने के बाद भी यमुना में अब भी नाले गिर रहे हैैं। यह चिंता का विषय है।
- राजा अरिदमन सिंह, पूर्व मंत्री, यूपी सरकार

Posted By: Inextlive