आगरा. ब्यूरो सिविल सर्विस एग्जाम में सफल हो पाना कोई आसान बात नहीं है. देश भर के लाखों कैंडिडेट्स हर साल इस एग्जाम की तैयारी करते हैं. लेकिन कुछ ही अभ्यर्थी इस एग्जाम में सफल हो पाते हैं. कई उम्मीदवारों को तो ये एग्जाम पास करने में एक से अधिक अटेंप्ट लग जाते हैं तो कई अभ्यर्थी अटेंप्ट खत्म होने के बाद भी एग्जाम क्लियर नहीं कर पाते हैं. वहीं आगरा के एक कस्बे में रहने वाले राजीव ने आईआरएस सर्विस में रहते हुए यूपीएससी एग्जाम में 103 वीें रैंक प्राप्त कर जायज मुकाम हासिल किया है.

पांचवे अटेंप्ट में हासिल की सक्सेस
राजीव अग्रवाल आगरा के किरावली कस्बा के रहने वाले हैं। संघ लोक सेवा आयोग, नई दिल्ली द्वारा घोषित सिविल सेवा परीक्षा 2023 के रिजल्ट में राजीव अग्रवाल पुत्र सुभाष चंद्र अग्रवाल निवासी किरावली ने 103 वी रैंक प्राप्त की है। उनका यह चयन पांचवे प्रयास में हुआ है। इनके द्वारा अपने चौथे प्रयास में 269 वीं रैंक प्राप्त की थी, जिसके आधार पर आईआरएस में सिलेक्शन हुआ था, वह वर्तमान में इंडियन रेवेन्यू सर्विस, नागपुर में ट्रेनिंग ले रहे हैं। इससे पूर्व वह भारतीय स्टेट बैंक में परिवीक्षाधीन अधिकारी तथा जनपद मैनपुरी में नायब तहसीलदार के पद पर कार्यरत रह चुके हैं।


लक्ष्य पर फोकस से मिली सक्सेस
राजीव अग्रवाल ने केएम पब्लिक स्कूल किरावली से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की है, उसके बाद दयालबाग शिक्षण संस्थान, आगरा से कंप्यूटर विज्ञान विषय में बीएससी ऑनर्स एवं एमएससी की डिग्री प्राप्त की है। नियमित सेवा में कार्यरत होते हुए बेटर स्ट्रैटजी, टाइम मैनेजमेंट एवं लगातार अध्ययन को वह अपनी सफलता का कारण मानते हैं। उन्होंने न केवल सफलता प्राप्त की है, बल्कि एग्जाम क्लियर कर अपने सपने को पूरा किया और माता-पिता का नाम रोशन किया। यूपीएससी एग्जाम की तैयारी करते हुए उन्होंने अपने लक्ष्य पर फोकस किया और सक्सेस मिली।


बचपन से थे पढ़ाई, लिखाई में तेज
आईएएस में सिलेक्ट राजीव अग्रवाल ने आईआरएस भारतीय राजस्व सेवा सर्विस में रहते यूपीएससी एग्जाम को क्रैक कर सबको चौंका दिया। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा आगरा के किरावली से पूरी की है। वह बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में तेज थे। दसवीं क्लास और 12 वीं क्लास में भी अच्छा प्रदर्शन किया था। माता-पिता को अपने बेटे राजीव पर नाज है।

पिता चलाते है फुटवेयर की शॉप
आईएएस में सिलेक्ट राजीव अग्रवाल के पिता किरावली में फुटवियर की दुकान का संचालन करते हैं। पत्नी डॉ। अदिति सिंह आरबीएस कॉलेज, आगरा के गणित विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है तथा आगरा कॉलेज के हिंदी विभाग की प्रोफेसर ममता सिंह के दामाद हैं।


पेरेंट्स और गुरुजन को सफलता का श्रेय
राजीव अग्रवाल बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थे और आईएएस अफसर बनना चाहते थे। उन्होंने ग्रेजुएशन करने के दौरान ही यूपीएससी एग्जाम में बैठने का मन बना लिया था और तैयारी भी शुरू कर दी थी। राजीव अग्रवाल ने अपनी सफलता का श्रेय ईश्वर, अपने माता-पिता, अपनी पत्नी, ससुरालीजनों, गुरुजनों और दोस्तों को दिया।

Posted By: Inextlive