आगरा ब्यूरो डिजिटल युग के दौर में रिजर्वेशन से यात्रा करने वाले लोग तो आईआरसीटीसी के माध्यम से टिकट बुक कर लेते थे लेकिन जनरल टिकट पर यात्रा करने वाले लोगों को टिकट के लिए विंडो पर लम्बी लाइन में लगना पड़ता था. ऐसे में कई बार ट्रेन भी छूट जाती हैं. या फिर यात्री बेटिकिट यात्रा करने को मजबूर होते हैं. इससे रेलवे के राजस्व का भी नुकसान होता था. यात्रियों की परेशानी और रेलवे के नुकसान को देखते हुए रेलवे ने ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन लगाए जो कि अब कारगर साबित हो गईं हैं. आगरा मंडल में वित्तीय वर्ष 2023-24 में लगभग 23 करोड़ का राजस्व रेलवे को इन मशीनों के माध्यम से बुक की गई टिकट से प्राप्त हुआ. इस साल इसके अलावा लगभग 26 लाख यात्रियों ने इन मशीनों से टिकट लिए.

यात्रियों में बढ़ रहा है क्रेज
-अक्सर रेलवे स्टेशनों पर जनरल टिकट के काउंटर पर भीड़ लगी रहती थी ऐसे में जल्दबाजी में कई बार या तो यात्रियों को टिकट नहीं मिल पता था या फिर उनकी ट्रैन छूट जाती थी। यात्रियों की उसी परेशानी को देखते हुए रेलवे ने यूटीएस एप और रेलवे स्टेशनों पर जनरल टिकट के लिए एटीवीएम यानी ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन की शुरुआत की थी। यात्रियों में इस मशीन का क्रेज बढ़ रहा है। आगरा मंडल में रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2023 24 में लगभग 23 करोड़ रुपए का लाभ कमाया है।

- आगरा मंडल में इतनी हैं ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन
-आगरा मंडल में 9 रेलवे स्टेशनों पर 24 ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन लगाई गई हैं और 22 नए एटीवीएम लगाए जाने की कवायद चल रही है। आगरा मंडल में आगरा कैंट पर 5, मथुरा जं। पर 5, आगरा किला पर 3, ईदगाह पर 2, राजा की मंडी पर 2, धौलपुर पर 2, कोसीकलां पर 2 , होडल पर 1 तथा भूतेश्वर पर 02 ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन मशीन लगाई गईं हैं।

-यहां इतना मिला राजस्व
आगरा मंडल में वित्तीय वर्ष 2023-24 में एटीवीएम टिकट से 22.75 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। मंडल के जिन स्टेशनों पर राजस्व प्राप्त वहां आगरा कैंट पर 9.88 करोड़ रुपए, मथुरा जं। पर 7.6 करोड़ रुपए, आगरा किला पर 4.7 करोड़ रुपए, ईदगाह पर 3.1 लाख रुपए, राजा की मंडी पर 21.55 लाख रुपए, धौलपुर स्टेशन पर 15.37 लाख रुपए, कोसीकलां स्टेशन पर 1.86 लाख रुपए तथा भूतेश्वर पर 11.26 लाख रुपए से अधिक का राजस्व ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन के माध्यम से रेलवे के आगरा मंडल को प्राप्त हुआ।

-स्कैन करते ही मिल जाता है टिकट
ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन
से यात्रियों को न सिर्फ टिकट काउंटर पर लगने वाले भीड़ से निजात मिलती है। बल्कि अगर आपके पास खुले पैसे या नकदी नहीं है तो भी आप यूपीआई के माध्यम से कोड स्कैन कर बहुत ही आसानी से अपना टिकट बुक कर सकते हैं। इतना ही नहीं अगर आप खुद अपना टिकट इस मशीन से नहीं निकाल पा रहे हैं तो रेलवे के द्वारा इन मशीनों पर एक फैसिलेटर की भी नियुक्ति भी की है। जो आपको आपका टिकट निकालने में मदद करेगा।


रेल यात्रियों को अतिरिक्त सुविधा उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रेलवे की ओर से स्वचालित टिकट वेंडिंग मशीन लगाई गईं थीं। एटीवीएम से द्वितीय श्रेणी के टिकट और प्लेटफार्म टिकट जारी किए जाते हैं। लोग अब लाइन में लगने की बजाय मशीन से टिकट लेने को वरीयता देते हैं। मंडल के स्टेशनों पर 22 मशीन और लगाए जाने की कवायद जारी है। जल्दी ही लगा दिए जाएंगे
-तेज प्रकाश अग्रवाल, मंडल रेल प्रबंधक

Posted By: Inextlive