आगरा. ब्यूरो अगर अपना कल सेफ करना चाहते हैं तो आज से ही पानी बचाना शुरू कर दीजिए. क्योंकि ये पानी बड़ी चीज है. सेंट्रल ग्राउंड वॉटर बोर्ड की रिपोर्ट की मानें तो जिले का कोई भी ब्लॉक सेफ जोन में नहीं है. ग्राउंड वॉटर लगातार गिर रहा है. हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं. अगर अब भी हम नहीं चेते तो कंडीशन कंट्रोल से बाहर हो सकती हैं.

तेजी से बदत्तर हो रहे हालात
शहर ओवर एक्सप्लॉइटेड कैटेगिरी में बताया गया है। यानी जितना पानी जमीन से निकालने योग्य था, उससे ज्यादा ग्राउंड वॉटर का यूज किया जा रहा है। एक्सपट्र्स ने बताया कि ये अलार्मिंग सिचुएशन है। जबकि 2017 में शहर क्रिटिकल कैटेगिरी में था। हालात तेजी से बदत्तर हो रहे हैं। शहर में ग्राउंड वॉटर अब 65 से 70 मीटर के बाद ही मिलता है। कई एरियाज में ये आंकड़ा 100 के आसपास तक पहुंच गया है। जिससे पानी की क्वालिटी में भी गिरावट आ रही है।

क्या है इनका मतलब
सेफ: सेफ जोन वह है जहां ग्राउंड वॉटर की अवेलेबिलिटी का 50 परसेंट से कम पानी का यूज (जमीन से निकाला गया) है। एक एग्जामपल से इस तरह समझा जा सकता है कि अगर कहीं ग्राउंड वॉटर में 100 लीटर की अवेलिबिलिटी है, उसमें से 50 लीटर से कम पानी निकाला जाता है तो ये सेफ जोन है।

सेमी-क्रि टिकल: ये वह कैटेगिरी है जब अवेलेबल ग्राउंड वॉटर का 50 से 70 परसेंट पानी निकाला जाए। ये सेमी क्रिटिकल में आता है। इसे शुरुआती तौर पर चेतावनी माना जाता है। इस कैटेगिरी में सुधार के लिए 100 परसेंट ग्राउंड वॉटर के रिचार्ज की आवश्यकता होती है। यानी अगर कहीं अवेलेबिलिटी 100 लीटर है तो उसमें 100 लीटर पानी का रिचार्ज करने की ही आवश्यकता होगी।

क्रिटिकल: इसमें अवेलेबल वॉटर के दोहन का आंकड़ा 70 से 90 परसेंट तक पहुंच जाता है। क्रिटिकल जोन में एक्शन लेने की जरूरत होती है। जिससे हालत में सुधार लाया जा सके। इस कैटेगिरी से बाहर निकलने के लिए 150 परसेंट रिचार्ज की आवश्यकता होती है।

ओवर एक्सप्लॉइटेड: इसमें ग्राउंड वॉटर के यूज की डिमांड 100 परसेंट तक पहुंच जाती है या इसे भी क्रॉस कर जाती है। ये सबसे खराब कैटेगिरी है। इसमें 200 परसेंट ग्राउंड वॉटर रिचार्ज होना चाहिए। तभी स्थिति में सुधार हो सकता है।

क्या है वॉटर रिचार्ज?
जिस तहर जमीन से पानी निकाला जाता है, उसी तरह जमीन में पानी भी पहुंचता है, उसे ग्राउंड वॉटर रिचार्ज कहते हैं। ग्राउंड वॉटर रिचार्ज कई तरीके से होता है। इसमें रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, नहर, तालाब, बारिश, नदी आदि मुख्य भूमिका निभाते हैं।

वॉटर रिचार्ज के तरीके
- रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
- नहर
- तालाब
- बारिश
- नदी
- चेक डैम
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असेसमेंट यूनिट नेम कैटेगिरीज

अछनेरा --- सेमी क्रिटिकल
आगरा सिटी---- ओवर एक्सपलॉइटेड
अकोला- ओवर एक्सपलॉइटेड
बाह-क्रिटिकल
बरौली अहीर - ओवर एक्सपलॉइटेड
बिचपुरी-ओवर एक्सपलॉइटेड
एत्मादपुर -ओवर एक्सपलॉइटेड
फतेहाबाद -ओवर एक्सपलॉइटेड
फतेहपुर सीकरी -ओवर एक्सपलॉइटेड
जगनेर -सेमी क्रिटिकल
जैतपुर कलां -क्रिटिकल
खंदौली-ओवर एक्सपलॉइटेड
खेरागढ़-सेमी क्रिटिकल
पिनाहट -सेमी क्रिटिकल
सैंया- ओवर एक्सपलॉइटेड
शमसाबाद -ओवर एक्सपलॉइटेड

नोट:::(सेंट्रल ग्राउंड वॉटर रिसोर्स द्वारा वर्ष 2022 में ग्राउंड वॉटर रिसोर्स असेसमेंट की रिपोर्ट में बताई गई स्थिति.)
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350 एमएलडी शहर में वाटर की होती है सप्लाई
340 एमएलडी शहर में वाटर सप्लाई की डिमांड


जीवनी मंडी वाटरवक्र्स 225 एमएलडी

सिकंदरा वाटरवक्र्स
144 एमएलडी गंगाजल प्लांट
144 एमएलडी एमबीबीआर प्लांट

100 वार्ड हैं नगर निगम में
5 हजार से अधिक मोहल्ले शहर में
1.70 लाख शहर में जलकल के कनेक्शन
3.75 लाख मकान शहर में

वर्ष 2020 में एक ब्लॉक सेफ जोन में था


असेसमेंट यूनिट नेम कैटेगिरीज
अछनेरा क्रिटिकल
आगरा सिटी ओवर एक्सपलॉइटेड
अकोला ओवर एक्सपलॉइटेड
बाह क्रिटिकल
बरौली अहीर ओवर एक्सपलॉइटेड
बिचपुरी ओवर एक्सपलॉइटेड
एत्मादपुर ओवर एक्सपलॉइटेड
फतेहाबाद ओवर एक्सपलॉइटेड
फतेहपुरसीकरी ओवर एक्सपलॉइटेड
जगनेर सेमी क्रिटिकल
जैतपुर कलां सेमी क्रिटिकल
खंदौली ओवर एक्सपलॉइटेड
खेरागढ़ सेमी क्रिटिकल
पिनाहट सेफ
सैंया ओवर एक्सपलॉइटेड
शमसाबाद ओवर एक्सपलॉइटेड


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ग्राउंड वॉटर की स्थिति (मीटर में)

ब्लॉक 2019 में 2023 में
प्री मानसून पोस्ट मानसून प्री मानसून पोस्ट मानसून
अछनेरा 10.48 9.45 9.96 8.12
अकोला 21.98 20.26 18.46 14.36
बाह 37.23 35.43 37.27 36.64
बरौली अहीर 25.64 24.72 21.31 22.72
बिचपुरी 27.45 27.10 23.94 23.48
एत्मादपुर 28.88 29.29 31.82 32.44
फतेहाबाद 42.07 41.23 45.55 45.08
फतेहपुर सीकरी 18.61 14.56 12.64 9.55
जगनेर 15.49 12.70 9.73 8.56
जैतपुर कलां 36.48 35.25 36.56 36.79
खेरागढ़ 22.16 20.88 33.50 33.06
खंदौली 35.35 33.66 33.70 32.32
पिनाहट 34.37 31.72 33 37.01
सैंया 40.26 39.26 36.41 36.83
शमसाबाद 44.82 45.04 44.02 45.48


जिले में ग्राउंड वॉटर तेजी से गिर रहा है। सिटी व 11 ब्लॉक नोटिफाइड स्थिति में है। ऐसे में ग्राउंड वॉटर की स्थिति सुधारने के लिए हर किसी को पहल करनी चाहिए। लोगों को घर में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग बनाना चाहिए। पानी की बर्बादी को रोकना चाहिए।
- शिवम द्विवेदी, सीनियर जियोफिजिसिस्ट व नोडल अधिकारी ग्राउंड वॉटर डिपार्टमेंट

Posted By: Inextlive