- बवाल के कारण घरों से नहीं निकले मुसाफिर

- संवेदनशील शहरों के लिए बसों का आवागमन कर दिया था कम

आगरा। सीएए और एनआरसी को लेकर बीते शुक्रवार को प्रदेश के कई जिलों में हुए बवाल का असर आगरा रोडवेज पर खासा पड़ा है। शुक्रवार से लेकर सोमवार तक विभाग को हर दिन करीब पांच लाख का लॉस हुआ है। प्रदेश भर के लिए कई जिलों में फैली अराजकता के कारण यात्री कम ही निकले। परिवहन निगम (आगरा रीजन) की आम दिनों में करीब 19 से 20 लाख की इनकम है, जो घटकर करीब 14-15 लाख रह गई है।

20 से दिखाई दिया असर

20 दिसंबर से प्रदेश के कई जनपदों में सीएए के विरोध में बवाल हुए। आगरा मंडल के फिरोजाबाद में हालात बेकाबू हो गए। पुलिस चौकी को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया। आमने-सामने पुलिस और प्रशासन ने सीएए के विरोधियों से मुकाबला किया। इस दौरान कई पुलिस कर्मी और उपद्रवी घायल हुए। जिसका असर रोडवेज से लेकर अन्य विभागों पर दिखाई दिया। डर के कारण लोग घरों से नहीं निकले। शहर के प्रमुख बस अड्डा आईएसबीटी पर सन्नाटा पसरा रहा। इंटरनेट और चैनल बंद कराए जाने को जनता ने गंभीरता से लिया। लोगों को लगा कि मामला गंभीर है। इसलिए और सवारियां घरों से नहीं निकली।

संचालन करा दिया बंद

इधर रोडवेज ने भी मामले को काफी गंभीरता से लिया। लखनऊ से लेकर मेरठ आदि शहरों में रोडवेज की बसों को निशाना बनाया गया। कई रोडवेज की बसों को आग के हवाले कर दिया। रोडवेज विभाग वैसे ही घाटे से जूझ रहा है और नुकसान न हो इसे देखते हुए आगरा रीजन से संवेदनशील शहरों के लिए बसों का संचालन न के बराबर कर दिया गया। यहीं नहीं खुद पुलिस ने बरेली, फिरोजाबाद, मेरठ, गोरखपुर आदि शहरों में रोडवेज की बसों को शहर में घुसने नहीं दिया। सीधे हाईवे से शहर के बाहर होते हुए निकाल दिया। विभाग ने चालक और परिचालकों को इस वक्त निर्णय के लिए स्वतंत्र छोड़ दिया गया, ताकि बसों को किसी प्रकार को नुकसान न हो सके।

Posted By: Inextlive