ताजनगरी की हवा हर साल की तरह इस बार भी एयर पॉल्यूशन के सीवियर लेवल पर पहुंच गई है. यानी सामान्य लोगों के लिए भी सांस लेने में तकलीफ वाली स्थिति में. इस स्थिति में पोस्ट कोविड मरीजों के लिए मुसीबत और ज्यादा बढ़ गई है. उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है. गंभीर लंग्स इंफेक्शन हो सकता है. ऐसे मरीजों की समस्या बढ़ गई है. इस स्थिति में पोस्ट कोविड मरीजों को सावधान रहने की जरूरत है.

आगरा (ब्यूरो)। ताजनगरी में एयर पॉल्यूशन का स्तर बढऩे लगा है। इससे लोगों को सांस लेने में परेशानी और आंखों में जलन जैसी समस्या होने लगी है। पोस्ट कोविड मरीजों को एयर पॉल्यूशन के कारण और ज्यादा समस्या होने लगी हैैं। कई पोस्ट कोविड मरीजों को खांसी और सांस लेने में परेशानी होने लगी है। डॉक्टर के क्लीनिक पर खुद को दिखाने आई सुनीता ने बताया कि उन्हें मई में कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ था। ठीक होने के बाद डॉक्टर ने बताया कि वे सावधान रहें। लेकिन एयर पॉल्यूशन बढऩे के बाद उनकी तबियत अचानक खराब हो गई। उन्हें सीने में भारीपन लगने लगा। सांस लेने में परेशानी होने लगी। डॉक्टर के पास आए हैैं तो उन्होंने बताया कि एयर पॉल्यूशन के कारण उनके लंग्स में इंफेक्शन हो गया है।

सांस की नलियों में आ रही सूजन
चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ। अमित गुप्ता ने बताया कि एयर पॉल्यूशन बढऩे पर हर साल लंग्स के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। कोरोना आने के बाद ये संख्या और ज्यादा बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि पोस्ट कोविड मरीजों के
फे फड़े कमजोर हो जाते हैैं। एयर पॉल्यूशन के कारण उनके फे फड़ों में इंफेक्शन हो सकता है। ऐसे में मरीजों के सांस की नलियों में सूजन आ रही है। उनके फे फड़ों में भी इंफेक्शन हो रहा है। इस स्थिति से बचने के लिए पोस्ट कोविड मरीजों को एयर पॉल्यूशन से बचाव करने की जरूरत है। इस स्थिति में पोस्ट कोविड मरीज जरूरत पडऩे पर ही घर से बाहर निकलें। ट्रिपल लेयर मास्क पहनकर रहें। यदि गले में खराश हो गई है तो स्टीम लें। जो मरीज दवाएं खा रहें हैैं वे अपनी दवाएं बंद न करें। इन्हेलर लेते रहें।

दिनभर छाई रही धुंध
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार शनिवार को एयर क्वॉलिटी सीवियर रही। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 429 रहा। संजय प्लेस और सेक्टर तीन-बी आवास विकास कालोनी स्थित आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशनों पर एयर क्वॉलिटी खतरनाक स्थिति में और मनोहरपुर दयालबाग व शास्त्रीपुरम में बहुत खराब स्थिति में रही। शाहजहां गार्डन स्थित आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशन बंद रहने से वहां पर स्थिति की जानकारी नहीं मिल सकी। संजय प्लेस, मनोहरपुर दयालबाग, आवास विकास व शास्त्रीपुरम स्थित आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशनों पर हवा में अति सूक्ष्म कणों की मात्रा बढ़ी हुई दर्ज की गई। शहर में सबसे अधिक प्रदूषित आवास विकास कॉलोनी रही। सीपीसीबी के प्रभारी अधिकारी कमल कुमार ने बताया कि एयर क्वॉलिटी बहुत खराब स्थिति में पहुंचने की वजह आतिशबाजी, सड़कों से धूल का उत्सर्जन, वाहनजनित प्रदूषण और मौसम है। तेज हवा चलने या बारिश होने पर वायु गुणवत्ता की स्थिति में सुधार आएगा।

"कोरोनावायरस के संक्रमण के बाद पोस्ट कोविड मरीजों के लंग्स कमजोर हो जाते हैं। ऐसे में एयर पॉल्यूशन से उन्हें परेशानी हो सकती है। कई मरीजों में सांस की नलियों में सूजन की समस्या आ रही है। पोस्ट कोविड मरीज जरूरत पडऩे पर ही घर से बाहर निकलें और ट्रिपल लेयर मास्क पहनकर रहें."
- डॉ। अमित गुप्ता, चेस्ट स्पेशलिस्ट

"एयर पॉल्यूशन का स्तर बढऩे से अस्थमा और क्रॉनिक आब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज सीओपीडी के मरीजों में अटैक का खतरा बढ़ गया है। सांस फूलने के साथ बेचैनी हो रही है.'
- डॉ। संतोष कुमार, अध्यक्ष टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट एसएन मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive