-शिकायती पत्र पर जांच विजिलेंस को सौंपी

आरोप: कमीशन के लिए कराए गए विवि में 145 करोड़ के निर्माण कार्य

-दो प्रोफेसर और एक अधिकारी का नाम भी शामिल

आगरा। डॉ। भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के एक पूर्व कुलपति तक विजिलेंस जांच की आंच पहुंच गई है। आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में कमीशन के लिए विश्वविद्यालय के परिसरों में अनावश्यक निर्माण कार्य कराए थे। शिकायती पत्र में पूर्व कुलपति की नियुक्ति के साथ ही उनके द्वारा की गईं संविदा नियुक्तियों पर भी सवाल उठाए गए हैं। आरोपितों में पूर्व कुलपति के साथ प्रोफेसर, पूर्व प्रोफेसर और एक अधिकारी भी शामिल हैं।

सतर्कता विभाग में पूर्व कुलपति के खिलाफ दर्ज शिकायत के आधार पर विभाग ने गोपनीय जांच के आदेश दिए हैं। शिकायतकर्ता के अनुसार कुलपति के कार्यकाल में विश्वविद्यालय कई संस्थानों व विभागों में 145 करोड़ रुपये के निर्माण कार्य हुए थे। आरोप है कि 30 फीसद कमीशन के लिए यह गैरजरूरी निर्माण कार्य कराए गए। संविदा नौकरी पर रोक के बावजूद विश्वविद्यालय के कई विभागों में अपने परिचितों को काम पर रखने का भी आरोप है। अंकतालिका बनाने वाली एजेंसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बावजूद एजेंसी का भुगतान कराया गया, जबकि एजेंसी ने विद्यार्थियों को अंकतालिकाएं भी उपलब्ध नहीं कराई हैं। सुरक्षाकर्मियों के भुगतान में भी हेराफेरी की गई। ज्यादा सुरक्षाकर्मी दिखाकर करोड़ों में उनका भुगतान विवि प्रशासन द्वारा किया गया। शिकायतकर्ता ने कुलपति पद के लिए पूर्व कुलपति के चयन पर भी सवाल उठाए हैं।

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पहली बार नहीं हो रही विजिलेंस जांच

दो साल पहले आंबेडकर विवि के 19 अधिकारियों के खिलाफ वित्तीय अनियमितता का मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में विजिलेंस जांच शुरू हुई थी, जो अब अपने अंतिम चरण में है। विवि के छात्र नेता द्वारा प्रमुख सचिव विजिलेंस और तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को शिकायती पत्र सौंपा था। मामले का संज्ञान लेते हुए शासन द्वारा कार्रवाई की गई। हरीपर्वत थाने में 19 अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसमें दो कुलपति, दो रजिस्ट्रार, दो वित्त अधिकारी समेत 19 लोग शामिल थे। फर्नीचर, निर्माण कार्य, अंकतालिका बनाने के टेंडर में खेल आदि मामले खोले गए थे। दो साल से इसकी विजिलेंस जांच चल रही है।

Posted By: Inextlive