आगरा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ताजमहल में वजू टैंक के पास फर्श का संरक्षण करेगा। सैलानियों के कदमों तले सदियों से घिस रहे फर्श के कई पत्थर खराब हो चुके हैं। उनमें गड्ढे हो गए हैं। डेढ़ वर्ष पूर्व मेहमानखाना की तरफ खराब पत्थर बदले गए थे। इस बार शाही मस्जिद के सामने बने वजू टैंक के आसपास फर्श के खराब पत्थरों को बदला जाएगा।

नौ लाख होंगे खर्च

ताजमहल में स्टेप टिक¨टग लागू है। मुख्य मकबरे को देखने के लिए भारतीय और विदेशी पर्यटकों को 200 रुपये का अतिरिक्त टिकट लेना होता है। इसकी शुरुआत दिसंबर, 2018 में की गई थी। जिन पर्यटकों के पास मुख्य मकबरे का 200 रुपये वाला टिकट होता है उन्हें ही ऊपर जाने दिया जाता है। ऐसे पर्यटक जिनके पास 200 रुपये वाला टिकट नहीं होता है वो मुख्य मकबरे के नीचे स्थित रेड सैंड स्टोन के प्लेटफार्म तक ही सीमित रहते हैं। वर्ष 2019 में एएसआइ ने मेहमानखाना की तरफ रेड सैंड स्टोन के प्लेटफार्म पर फर्श के खराब पत्थरों को बदलने का काम किया था। अब यहां शाही मस्जिद की तरफ वजू टैंक के पास अधिक खराब हो चुके पत्थरों को बदला जाएगा। इस काम पर करीब नौ लाख रुपये व्यय होंगे। संरक्षण कार्य में करीब दो माह का समय लगेगा.अधीक्षण पुरातत्वविद डा। वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि वजू टैंक के पास फर्श का संरक्षण किया जाएगा। ऐसे पत्थर बदले जाएंगे, जिनमें गड्ढे हो चुके हैं।

2015 में समिति ने जताई थी रखरखाव पर नाराजगी

वर्ष 2015 में संसद की पर्यावरण संबंधी स्थायी समिति ताजमहल के निरीक्षण को आई थी। ताजमहल के खराब रखरखाव पर समिति ने नाराजगी जताई थी। इसके बाद संरक्षण को कंपोजिट प्लान बना था। उसी के तहत स्मारक में संरक्षण से लेकर मडपैक ट्रीटमेंट के काम किए गए हैं।

Posted By: Inextlive