- फेक आईडी बनाकर भेजी जा रही है फ्रेंड रिक्वेस्ट

- सोशल मीडिया पर साइबर गैंग कर रहा लोगों को गुमराह

आगरा। सोशल मीडिया पर दोस्त बनाने में विशेष सावधानी बरतें। फ्रेंड रिक्वेस्ट से पहले अच्छी तरह जांच परख लें कि आपसे दोस्ती करने वाला कोई फ्रॉड तो नहीं है। क्योंकि इन दिनों सोशल मीडिया के जरिए लोगों को ठगा जा रहा है। इस तरह के कई मामले भी सामने आ चुके हैं।

फेक आईडी करते हैं तैयार

साइबर ठग आíटफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर लोगों द्वारा सर्च किए जाने वाले कंटेंट की मॉनीटरिंग करते हैं। इसके बाद उन्हें फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं। जिस प्रोफाइल से फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जाती है, वह फेक होती है। ऐसी प्रोफाइल पर अधिकतर लड़की की फोटो होती है। या फिर आपकी प्रोफाइल के किसी दोस्त की फोटो लगाकर फेक आईडी तैयार कर लेते हैं। जिससे आसानी से फ्रेंड रिक्वेस्ट असेप्ट हो जाती है।

कंफर्म करने से पहले देखें प्रोफाइल

एक्सपर्ट कहते हैं कि इस तरह की किसी भी फ्रेंड रिक्वेस्ट को कंफर्म करने से पहले उसके प्रोफाइल में जाकर देख लें कि क्या यह असली दोस्त या रिश्तेदार है या फिर कोई ठग। क्योंकि उसकी पोस्ट और फोटो में बहुत अधिक पुरानी फोटो और पोस्ट नहीं होगी। ठग कुछ ही पोस्ट को अपडेट करके फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं।

शक होने पर फोन से करें पूछताछ

शक होने पर उस दोस्त को फोन करके भी पूछा जा सकता है। जब हम पहले से ही दोस्त हैं तो फिर दूसरी बार फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने की क्या जरूरत पड़ी, खासतौर से पैसा ट्रांसफर करने से पहले तो जरूर ही फोन करके पता लगाएं कि जिस इमरजेंसी के लिए आप जिसे पैसा ट्रांसफर कर रहे हैं। क्या असल में यह असली शख्स भी है।

इस तरह उठा रहे फायदा

अगर आपने सावधानी नहीं बरती और ठग को दोस्त बना लिया, तो फिर वह दोस्त बनने के बाद किसी तरह की इमरजेंसी दिखाकर पैसा ट्रांसफर कराने की कोशिश करेगा। फिर आपके अकाउंट की डिटेल लेकर पैसा निकालने की कोशिश करेगा।

इस तरह की फ्रेंड रिक्वेस्ट बेहत खतरनाक

जिला साइबर सेल प्रभारी सुल्तान सिंह का कहना है कि विदेशी लड़की की फोटो लगी किसी अनजान आईडी से दोस्ती करना सबसे अधिक खतरनाक है। ठग किसी भी विदेशी लड़की की फोटो प्रोफाइल में लगाकर लोगों को अपने प्यार के जाल में फंसाते हैं फिर उनसे पैसा निकलवाते हैं। इसमें ठग आपकी कुछ पर्सनल फोटो का भी गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। इसलिए अंजान फ्रेंड रिक्वेस्ट को असेप्ट करने में विशेष सावधानी बरतें।

वर्जन

साइबर फ्रॉड होने पर पीडि़त अपने इलाके के थाने में भी शिकायत दर्ज करा सकता है। हर जिले में साइबर यूनिट बनी हुई हैं। सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल को ब्लॉक भी करा सकते हैं। इस तरह की सावधानियों से आप धोखाधड़ी से बच सकते हैं।

राजीव कृष्ण, एडीजी जोन

वर्जन

साइबर एक्सपर्ट महिलाओं और बच्चों को सॉफ्ट टारगेट पर रखते हैं। ऐसे में अधिक उम्र के लोगों से कम उम्र की फे क आईडी तैयार कर दोस्ती करते हैं। जिससे साइबर फ्रॉड आसानी से आपके अकांउट तक पहुंच जाता है और मनमाने तरीके से वारदात को अंजाम देता है।

रक्षित टंडन, साइबर एक्सपर्ट

जिला साइबर सेल में कंप्लेन

जनवरी 2020 से जुलाई 2021 तक कं प्लेन

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Posted By: Inextlive