मिनटों में लोन देने वाले एप्स के झांसे में आकर लोग ब्लैक मेलिंग का शिकार हो रहे हैं. शहर में इन दिनों कई लोग इसका शिकार हो चुके हैं. इसके पीछे काम कर रहे गैंग के शातिर लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनसे अतिरिक्त रुपए ऐंठने का कार्य कर रहे हैं. इस तरह के मामले इन दिनों साइबर थाने पहुंच रहे हैं.

आगरा. शहर के सदर थाना क्षेत्र के देवरी रोड पर रहने वाले पीडि़त एक निजी कंपनी में कार्य करते हैं, जॉब जाने के बाद आर्थिकतंगी के चलते लोन के लिए एप्लाई किया, इसके दो दिन किस्त को डिले कर छह हजार रुपए अतिरिक्त रकम की मांग की, रकम नहीं देने पर सोशल मीडिया पर डिफॉल्ट घोषित किया गया, इसकी शिकायत थाना सदर में की गई, जहां से साइबर सेल मेें मामले की जांच की जा रही है।


लोन की रकम दी, फिर भी परेशान
थाना एत्माद्दौला क्षेत्र के रहने वाले पीडि़त ने जिला साइबर सेल में कंप्लेन की है कि उनसे लोन की किस्त के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है, अभद्रता कर उनकी छवि को धूमिल किया जा रहा है, लोन अमाउंट देने के बाद भी इंटरेस्ट पर भी इंटरेस्ट लगाया गया है।

छोटे लोन के नाम पर वसूली का खेल
शहर में सक्रिय छोटे लोन देने वाले गैंग के सदस्य सक्रिय हैं। सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार कर शातिर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। गैंग के सदस्य दस से पन्द्रह हजार तक का लोन तत्काल देने का दावा करते हैं, ऐसे में मजबूरी के चलते लोग शातिरों के झांसे में आ जाते हैं। इसके बाद रिश्तेदारों में छवि धूमिल कर शातिर वसूली का खेल कर रहे हैं।

इस तरह बना रहे शातिर लोगों को शिकार
जब कर्जदार गूगल प्ले स्टोर से ऐसे ऐप डाउनलोड करते हैं तब ही यह शर्त स्वीकार कराई जाती है कि ऐप को उनकी पर्सनल डिटेल (जैसे फोटो गैलरी) और कॉन्टैक्ट लिस्ट साझा की जा रही है। जब कोई ग्राहक इस ऐप को डाउनलोड कर जरूरी दस्तावेज अपलोड करता है तो उसके कुछ मिनटों के बाद ही उसके बैंक एकाउंट में रकम डाल दी जाती है। इसके बाद शिकार फंसने के बाद वसूली का खेल शुरू हो जाता है।

बिना जरुरत के लेते हैं लोन
ऐसे करीब 20-30 ऐप्स के टेलीकॉलर ग्राहक को फोन कर बताते हैं कि उनके अच्छे रिकॉर्ड की वजह से उनकी कंपनी भी उन्हें लोन देना चाहती है। वे बताते हैं कि उन्होंने जिस ऐप से लोन लिया है उससे उन्हें आपके अच्छे रिकॉर्ड का पता चला है। बहुत से ग्राहक इस लालच और जाल में फंस जाते हैं और बिना जरूरत भी लोन लेते हैं।

डयूडेट पर बड़ी पेनाल्टी
ऐसे ऐप 30 से 35 फीसदी का सालाना ब्याज तो लेते ही हैं। उससे ज्यादा भयावह बात यह है कि वे ड्यू डेट पर लोन न मिलने पर प्रति दिन 3,000 रुपये तक की पेनाल्टी लगा देते हैं। इसकी वजह से ही कई ग्राहक दूसरे ऐप से लोन लेने के झांसे में फंस जाते हैं।

इस तरह देने हैं शातिर लालच
-चंद मिनट के प्रोसेस के बाद एक हजार से 50 हजार तक।
-लोन कर्ज भरने की मियाद 7 दिन से कुछ महीनों के भीतर तक।
-कोई इनकम प्रूफ नहीं मांगेंगे।
-कर्ज तुरंत खाते में डालेंगे।


सोशल मीडिया करते हैं डिफॉल्टर घोषित
इसके बाद इनके टेलीकॉलर और रिकवरी एजेंट इस तरह से लोगों को प्रताडि़त करते हैं कि वह मानसिक तनाव में आ जाते हैं। यहां तक कि ये कंपनियां लोन लेने वाले लोगों के पर्सनल डिटेल सोशल मीडिया पर शेयर कर उन्हें डिफॉल्टर घोषित कर देती हैं और इतने सामाजिक अपमान से परेशान कई लोग डिप्रेशन में आ जाते हैं, जबकि कुछ एक आत्मघाती जैसा कदम भी उठा लेते हैं। पहले उन्हें दर्जनों कॉल कर परेशान किया जाता है। फिर उनके परिवार के सदस्यों को फोन कर धमकाया जाता है। दोस्तों को फोन कर, उन्हें व्हाट्सऐप मैसेज भेजकर ग्राहक को अपमानित किया जाता है। यही नहीं प्रताडऩा के लिए उसकी पर्सनल जानकारी भी सोशल मीडिया पर साझा कर दी जाती है। उन्हें चीटर बताया जाता है। उनके यहां फर्जी लीगल नोटिस भेजी जाती है।

पहले ही काट लेते हैं बड़ी रकम
यही नहीं कई ऐप तो लोन देने के पहले ही प्रोसेसिंग फीस और जीएसटी के नाम पर बड़ी रकम काट देते हैं। उदाहरण के लिए यदि कोई 5 हजार रुपये का लोन ले रहा है तो उससे प्रोसेसिंग और जीएसटी के नाम पर 1180 रुपये तक की रकम काटकर महज 3,820 रुपये दिए जाते हैं।

इन तरीकों से करते हैं ग्राहक को प्रताडि़त
-समय पर नहीं भरा तो कई गुना पेनाल्टी लगाएंगे।
-किस्त न चुकाने पर डेली 3000 रुपए तक की पेनल्टी लगा देते हैं।
-किस्त नहीं दी तो लोन लेने वाले की फोटो सार्वजनिक कर देते हैं।
-पर्सनल डिटेल सोशल मीडिया पर शेयर कर उन्हें करते हैं डिफॉल्टर घोषित।
-कर्जदार के कॉन्टैक्ट लिस्ट के लोगों को फोन कर उसे बदनाम कर देते हैं।
-परेशान होकर कर्ज लेने वाले बदनामी के डर से अतिरिक्त रकम देकर पीछा छुड़ाते नजर आते हैं।

लोन रजिस्टर्ड से मिल रहा है या नहीं
रिजर्व बैंक ने कहा है कि किसी भी ऐसे ऐप या अनाधिकृत व्यक्ति को अपनी केवाईसी के दस्तावेज न दें। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि सभी डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्मों को उस बैंक या एनबीएफसी का खुलासा ग्राहकों के सामने करना चाहिए, जिनके माध्यम से वे लोन देने का वादे करते हैं।

साइबर सेल ने किया अलर्ट
साइबर सेल प्रभारी सल्तान सिंह ने बताया कि ऐप्स को लेकर ग्राहकों को सचेत रहने की चेतावनी दी है। इस तरह के ऐप्स के द्वारा कई कंपनियां लुभावनी ब्याज दर पर सेकेंड में कर्ज का वादा करती हैं। उसके बाद बकाए की वसूली के लिए जोर-जबरदस्ती करती हैं।

Posted By: Inextlive