भीषण गर्मी में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं इन गर्मियों में अक्सर आग लगने से जान माल का नुकसान तो होता ही है इसके अलावा कई बार आग विकराल रूप ले लेती है. शहर में कई ऐसे पुराने बाजार हैं जिनकी तंग गलियों में एक से एक सटकर दुकानें हैं इनमें अगर आग लगे तो आग को बुझाना मुश्किल हो जाएगा या आग बुझ ही नहीं पाएगी. अगर यहां ऐसी कोई घटना हुई तो यहां से लोग निकल कर जा ही नहीं पाएंगे.


आगरा(ब्यूरो)। शहर में बेलनगंज एक पुराना बाज़ार है जहां अलग-अलग तरह की लोहे की मशीन सबमर्सिबल इलेक्ट्रिक मोटर के अलावा लोहे का और भी काम किया जाता है इस बाजार की तंग गलियों में लोहे के खम्बों पर अलग-अलग केबिल का मकडज़ाल बना हुआ है। जगह-जगह इलेक्ट्रिक सामान रखे हुए हैं इस बाजार की किसी भी दुकान में फायर सेफ्टी के इंतज़ाम ही नहीं है इलेक्ट्रिक सामान में अगर हल्की सी आग लगी तो यहां बचना मुश्किल हो जाएगा।

मल्टीस्टोरी बाजार में नहीं है आग बुझाने के इंतजाम
बेलनगंज की तंग गलियों में बीच में अलग-अलग मल्टीस्टोरी कमर्शियल हब बने हैं यहां दुकानों के बाहर ही इलेक्ट्रिक सामान का ढेर लगा हुआ है इसके अलावा सटाकर बनाई गई दुकानों में भरा सामान का ढेर पलक झपकते ही यहां हल्की सी चिंगारी सब कुछ स्वाहा कर देगी। यहां न तो आग बुझाने के बिल्डिंग में इंतज़ाम हैं न ही फायर सेफ्टी के कोई उपकरण दुकानों में हैं। बाजारों में तो न तो सबमर्सिबल है और न ही अब हाइड्रेंट प्वाइंट हैं। ऐसे में अगर इन संकरे बाजारों में एक चिंगारी भड़कती है तो सब कुछ जलकर राख हो जाएगा। चाह कर भी अग्निशमन विभाग के अधिकारी आग बुझाने में कोई मदद नहीं कर पाएंगे।

कई बार लग चुकी है आग
बेलनगंज के व्यस्ततम मार्केट में इलेक्ट्रिक के अलावा ऑटो पार्ट्स का काम भी बड़े पैमाने पर है। ऑटो पार्ट्स का ये बड़ा बाजार हैं। पिछले एक साल में शार्ट सर्किट की वजह से इन दुकानों में आग लग चुकी है लेकिन गनीमत यह रही कि जिस दौरान आग लगी सर्दी का मौसम था और समय रहते आग बुझ गई। स्थानीय लोगों के मुताबिक बाजार में जगह-जगह तारों के झुण्ड में कई बार शार्ट सर्किट होती रहती है, इससे आग लगने का खतरा रहता है।

नियमों को ताक पर रखकर हो रहे निर्माण
संकरी और तंग गलियों के बीच कमर्शियल बिल्डिंग बनाई जा रही हैं जिनके निर्माण की एनओसी तो मिलने की संभावना ही नहीं है। इसके अलावा तंग कॉम्प्लेक्स में सट कर दुकानें बना दी गई हैं। यहां सामान का ढेर भरा पड़ा है केबिल और तार हर एक दुकान में लटके हुए मिलेंगे। इन मल्टीस्टोरी कॉम्प्लेक्स में कमर्शियल एक्टिविटी चल रही हैं जो पूरी तरह मानकों को ताक पर रख कर चल रही हैं।

नहीं पहुंच पाएगी फायर ब्रिगेड की गाड़ी
बेलनगंज मार्केट में अगर कोई घटना होती है तो यहां फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों का पहुंचना बहुत ही मुश्किल हो जाएगा। यहां पानी के पाइप तक ठीक से नहीं पहुंच पाएंगे। इसके अलावा पुरे बाजार में कही भी आग बुझाने के इंतज़ाम नहीं हैं। ना ही पुरे बाजार में कहीं भी आग बुझाने के लिए पानी के स्टोरेज की व्यवस्था है। अगर कोई ऐसी घटना हुई तो सबसे पहले ऊपर झूलते तार जलेंगे ऐसे में इलेक्ट्रिक सप्लाई बाधित होगी और फिर यहां पानी की स्टोरेज व्यवस्था न होने की वजह से आग पर काबू पाना बहुत मुश्किल हो जाएगा।

बाजार का इतिहास
आगरा में बेलनगंज का नाम सुनते ही ख्याल आता है कि जैसे शहर में हींग, नमक और लोहे की मंडी थी, वैसे ही इस बाजार में बेलन बेचे जाते होंगे लेकिन ऐसा है नहीं। जानकार बताते हैं कि इस इलाके का नाम अंग्रेजी कलक्टर मिस्टर बैल्लून के नाम पर पड़ा। बैल्लूनगंज बाद में बैल्लनगंज और फिर बेलनगंज कहा जाने लगा।

Posted By: Inextlive