- हाथ नहीं रखने तक वाइब्रेट होने के साथ ही साथ बजता रहेगा अलार्म

- इजरायली कंपनी से खरीदीं जाएंगी सेंसर डिवाइस

आगरा। सड़क हादसों को रोकने के लिए परिवहन विभाग द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे है। रोडवेज बसों में कई बार ड्राइवर को झपकी आने के बाद भी बडे़ हादसे हो जाते हैं। इसके कारण कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ जाता है। ऐसे हादसों को रोकने के लिए अब सेंसर डिवाइस लगाए जाने की तैयारी चल रही है। अगर ड्राइवर को बस चलाते समय झपकी आती है तो यह डिवाइस वाइब्रेट होने के साथ अलार्म भी बजाएगी। इस डिवाइस का खास फोकस यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए हादसे के बाद शुरू हुआ है। जल्द ही आगरा रीजन की रोडवेज की बसों में ये सेंसर डिवाइस लगाई जाएगी।

अलार्म के साथ लगेगा इमरजेंसी ब्रेक

सेंसर डिवाइस की ये खासियत है कि ड्राइवर को झपकी नहीं आने देगी। झपकी आने पर बसों में लगे सेंसर डिवाइस से अलार्म बजेगा और यह ड्राइवर को सुस्ती आने पर हर एक किलोमीटर पर अलर्ट करता रहेगा। इमरजेंसी ब्रेक भी लग जाएंगे। बताया जा रहा है कि यह सेंसर डिवाइस इजरायली कंपनी से खरीदीं जाएंगी।

कई हो चुकी हैं घटनाएं

झपकी के कारण यमुना एक्सप्रेस वे सहित कई स्थानों पर हादसे हो चुके हैं। यमुना एक्सप्रेसवे पर हुई घटना ने परिवहन विभाग को झकझोर कर रख दिया था। इस घटना के बाद से परिवहन विभाग ने इस सेंसर डिवाइस पर फोकस किया। ताकि इस प्रकार से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लग सके। पिछले दिनों गाजियाबाद डिपो की बसों में एक ऐसे इजराइली डिवाइस का प्रयोग किया गया जो ड्राइवरों को सोने नहीं देती है। अब बडे़ स्तर पर इस डिवाइस को खरीदे जाने के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं।

ऐसे काम करेगा ये डिवाइस

इस सेंसर डिवाइस के 3 बटन ड्राइवर को जगाते रहेंगे। बस के 25 मीटर आगे किसी वाहन के आने पर हरा अलार्म, साढे़ 12 मीटर पर गुलाबी अलार्म और गाड़ी बिल्कुल किसी वाहन के सामने आने पर रेड सिग्नल अलार्म बजेगा, बस में अपने आप इमरजेंसी ब्रेक भी लग जाएगा। साथ ही स्टेयरिंग के पास ही एक सेंसर लगेगा, जो हर एक किलोमीटर पर वाइब्रेट होता रहेगा और जब तक ड्राइवर इस पर अपना हाथ नहीं रखेगा तब तक वाइब्रेट होने के साथ ही साथ अलार्म भी बजाता रहेगा। इस तरह ड्राइवर भी बिना चूके गाड़ी चलाता रहेगा।

दो ड्राइवर रहते हैं तैनात

लंबे रूट की परिवहन विभाग की बसों पर गाड़ी पर दो ड्राइवरों को तैनात किया गया है। दोनों ड्राइवर एक दूसरे से तय करके किलोमीटर पर बदलते रहते हैं। इस तरह दोनों अपनी नींदों को भी पूरा कर लेते हैं और सकुशल गाड़ी चला पाते हैं।

करते हैं काउंसलिंग

आरएम मनोज त्रिवेदी ने बताया कि प्रीकॉशन के तौर पर सभी ड्राइवरों के डयूटी पर जाने से पहले काउंसलिंग की जाती है। उन्हें बताया जाता है कि उनके पीछे उनका परिवार है। उनके ऊपर बच्चों के साथ ही पूरे परिवार की जिम्मेदारी है। माता पिता की सेवा कौन करेगा, इसलिए आपकी जिंदगी कितनी महत्वपूर्ण है। आप ही सबसे आगे होते हैं। इसलिए बड़ी सावधानी के साथ ड्राइव करनी है। यही नहीं बस में बेठे मुसाफिर की भी जिम्मेदारी ड्राइवर की ही है कि उन्हें सुरक्षित पहुंचाया जाए।

हम लोग ड्राइवरों की काउंसलिंग कर ही डयूटी पर भेजते हैं। सेंसर डिवाइस पर भी ऊपर के स्तर पर काम चल रहा है।

मनोज त्रिवेदी

आरएम, परिवहन निगम

Posted By: Inextlive