पब्लिक की फरियाद को थानों पर गंभीरता से नहीं लिया जाता है. शिकायत कर्ता को कभी बॉर्डर तो कभी जांच के नाम पर लापरवाही बरती जाती है. ऐसे में फरियादी अधिकारियों के कार्यालय मेें दस्तक देकर अपनी कंप्लेन दर्ज करा रहे हैं जिससे थाना स्तर पर उनकी कंप्लेन को सॉल्व किया जा सके. नवागत एसएसपी ने इस मामले को गंभीरता लेते हुए फरियादियों को रिसीविंग देने का प्लान तैयार किया है. जल्द ही हर थाने में इसको हमले में लाया जाएगा.


आगरा। अक्सर देखने में आया है कि थानों से फरियादियों की शिकायत गायब हैं या फिर टाल दिया जाता है। कार्यालय में डयूटी पर करने वाले एप्लीकेशन रखकर भूल जाते हैं। कई बार चक्कर लगाकर जब फरियादी परेशान हो जाते हैं तो वह शिकायत लेकर पुलिस अफसरों के पास पहुंचते हैं। हालत यह है कि अधिकारियों के सवाल-जवाब पर थानेदार तत्काल एप्लीकेशन न दिए जाने का हवाला देकर बात टाल जाते हैं। ऐसे में कार्रवाई के लिए पीडि़तों को सीनियर ऑफिसर्स दोबारा थानों पर भेज देते हैं। इससे जहां फरियादी का समय बर्बाद होता है। वहीं उसे समय से इंसाफ नहीं मिल पाता।

थाना प्रभारी देंगे एसएसपी को जबाव
नवागत एसएसपी प्रभाकर चौधरी द्वारा फरियादियों की इस समस्या को ध्यान में रख थानों पर जिम्मेदार अधिकारियों की डयूटी तय की है। क्योंकि जल्द यह प्रॉब्लम सॉल्व होने वाली है। थानों में फरियादियों को रिसीविंग देने की पहल शुरू की जा रही है। जिले में कुछ दिनों के भीतर नई व्यवस्था शुरू की जाएरी। जिससे आम पब्लिक को थाने पहुंचने पर राहत मिल सके। इस संबंध में नवागत एसएसपी के पास पहुंचने वाले फरियादियों की कंप्लेन पर थाने से भी जबाव लिया जा रहा है कि अब तक इस मामले में कार्रवाई क्यों नहीं की गई है।

थाना पुलिस की जाएगी जिम्मेदारी
पुलिस अधिकारियों के पास पहुंचने वाले फरियादी अक्सर यह बताते हैं कि एप्लीकेशन देने पर कार्रवाई नहीं हुई। शिकायत सामने आने पर जब अधिकारी सवाल जवाब करते हैं। ऐसे में कई बार थानेदार यह बता देते हैं कि उनके वहां शिकायतकर्ता पहुंचा ही नहीं, इसलिए कोई कार्रवाई नहीं को सकी। अक्सर ऐसा होता है कि एप्लीकेशन को गुम कर पुलिस अपनी जिम्मेदारी से पीछा छुड़ा लेती है।

कंप्लेन पर थाने में रीएक्ट
थाने मेें आने वाली कंप्लेन की स्थिति जानने के लिए ज फरियादी फिर से थाने जाते हैं तो कार्यालय में मुंशी द्वारा इस तरह से रीएक्ट किया जाता है, एप्लीकेशन दिए थे क्या, फिर थोड़ी देर तक कागजों में खोजबीन कर बता देते हैं कि कहीं मिस हो गया है। दूसरा एप्लीकेशन लिखकर दे दीजिए। कार्रवाई हो जाएगी। इस तरह की स्थिति को ध्यान में रखते हुए फरियादी के एप्लीकेशन देने पर उसे रिसीविंग पर्ची जारी की जाएगी।

पूर्व में बनाए नियम पर नहीं हुए लागू
फरियादियों को राहत देने के लिए कई बार ऐसी व्यवस्था जिले में शुरू होकर बंद हो चुकी है। जिले की कमान संभालने वाले एसएसपी अपने स्तर से ही फरियादियों की सुविधा के लिए नए-नए प्रयोग कर रहे है। पूर्व में जिले के भीतर फरियादियों को थानों पर पर्ची देने की व्यवस्था की गई थी। शिकायत लेकर पहुंचने वाले हर फरियादी की सूचना रजिस्टर में दर्ज करते हुए उसे पर्ची दी जाती थी। उस पर्ची में मामले की जांच, निस्तारण करने वाले पुलिस कर्मचारी का नाम लिखा जाता था। यदि मामले की जांच दरोगा को सौंपी गई तो उनका नाम और मोबाइल नंबर लिखकर बताया जाता था।

पब्लिक कंप्लेन का जरिया
-थानों पर आने वाली कंप्लेन
-अधिकारियों के कार्यालय में कंप्लेन
-आईजीआरएस के जरिए भी लोग करते हैं कंप्लेन
-यूपी पुलिस की वेबसाइट, मोबाइल एप भी फरियादी यूज कर रहे।
-पुलिस के व्हाट्सएप, ट्विटर एकाउंट पर कंप्लेन।


थानों से आने वाले फरियादी अपनी कंप्लेन लेकर जब थाना परिसर में पहुंचते है, उनकी सुनवाई जब तक नहीं की जाती, तब तक अधिकारियों के कार्यालय में जाते हैं, इस समस्या को सॉल्व करने की पहल की जा रही है, इसमें थानों से ही फरियादियों को रिसीविंग दी जाएगी।
प्रभाकर चौधरी, एसएसपी

Posted By: Inextlive