यूनिवर्सिटी के 86 वें दीक्षा समारोह में गोल्डन गर्ल ने अपनी सफलता के टिप्स शेयर करते हुए बताया कि जीवन मेें हार्ड वर्क से कोई दूसरा विकल्प नहीं है. अगर आप क्वालिटी एजूकेशन पर फोकस कर लगातार अध्यन करें तो वो एक चमत्कार की तरह है.

आगरा (ब्यूरो)। बचपन से माता-पिता ने मुझको लेकर डॉक्टर बनने का सपना देखा था, बचपन से ही क्वालिटी एजूकेशन पर फोकस कर इस मुकाम को हासिल किया है। शिवानी को दीक्षा समारोह में 12 गोल्ड मेडल और एक सिलवर मेडल मिला है। यह मेडल शिवानी सिंह को राज्यपाल द्वारा दिए गए। भविष्य में शिवानी एक बड़े हॉस्पिटल में जॉब कर सर्जन बनना चाहती हैं।

सब्जेक्ट को पढ़े तो रखें फोकस

शिवानी ने बताया कि अगर आप किसी बुक को पढ़ रहे हैं, तो उस सब्जेक्ट के चेप्टर को ध्यान से पढ़ें, जब आप कुछ दूसरा कार्य कर रहे हैं, तब भी वहीं चेप्टर आपके माइंड में रहेगा। इससे एग्जाम मेें काफी हेल्प मिलती है। वहीं छह से आठ घंटे स्टडी एक चमत्कार की तरह है, एग्जाम के बाद इसका परिणाम देखने को मिलेगा।

सफलता का श्रेय माता-पिता
गोल्डन गर्ल शिवानी सिंह ने अपनी सफलता का श्रेय पिता नरेन्द्र चौधरी मां शशि चौधरी को दिया। शिवानी ने बताया कि मेरे पिता शुरू से ही हार्ड वर्क करते हैं, उनसे सीखा है, वहीं मदर भी राउंड द क्लाक की तरह कार्य करती हैं, वह कभी कंप्लेन भी नहीं करती, सफलता का श्रेय माता-पिता को जाता है। पिता कासगंज से ब्लॉक प्रमुख है, मां हाउस वाइफ हैं, छोटा भाई कार्तिक क्लास नाइंथ और बड़ा भाई शिवेन्द्र बीटेक कर रहे हैं।

"शिवानी की मां ने बताया कि बचपन से ही शिवानी को पढ़ाई के लिए कहने की जरुरत नहीं पड़ी। वह पढ़ाई के समय खाना और पीना भूल जाती थी, उसका खाने का ध्यान रखा जाता था। "
शशि चौधरी, मां

Posted By: Inextlive